नई दिल्ली: भारत का डेटा सेंटर मार्केट अगले साल तक 8 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में यह मार्केट 7 अरब डॉलर का था। टेक-इनेबल्ड मार्केट इंटेलिजेंस फर्म ‘1लैटिस’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और बंगलूरू में डेटा सेंटरों की संख्या बढ़ रही है। इसकी वजह देश के डेटा खपत में बढ़ोतरी, लेटेस्ट टेक्नॉलजी का सामने आना और सरकार से मिल रहा समर्थन अहम है। गौरतलब है कि भारत सरकार देश में डेटा सेंटरों के निर्माण पर जोर दे रही है।
केंद्र की ‘डेटा सेंटर प्रोत्साहन योजना’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी कोशिशों ने भारत में डेटा सेंटरों के निर्माण को गति दी है। ग्लोबल लेवल की बात करें तो डेटा सेंटर मार्केट 2023 में 227 अरब डॉलर का था, जो 2025 तक 250 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
भारत की बात करें तो अगले 4 साल में 500 मेगावाट एक्स्ट्रा डेटा सेंटर कैपिसिटी जोड़ने की क्षमता है। साल 2019 में यह 540 मेगावाट था और 2023 में 1,011 मेगावाट हो गया है। अगले 4 साल में यह 1500 मेगावाट तक पहुंच सकता है।
480 अरब डॉलर का होगा कंटेंट क्रिएशन मार्केट
भारत के कंटेंट क्रिएशन मार्केट का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि भारत दुनिया की कंटेंट क्रिएशन कैपिटल बनने की ओर बढ़ रहा है। अभी यह मार्केट 30 अरब डॉलर का है, जो 2035 तक 480 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
दिल्ली में आयोजित ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024′ के दौरान एक पैनल चर्चा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने इन्फर्मेशन तक पहुंच की आजादी पर जोर दिया। उन्होंने डिजिटल क्रांति को लेकर 6G जैसी नेक्स्ट जनरेशन टेक्नॉलजी को अपनाने की अहमियत पर भी रोशनी डाली।
मंत्री ने कहा कि छोटे शहरों में कंटेंट कंजप्शन का पैटर्न डेवलप हो रहा है। उन्होंने कहा कि एआई, ह्यूमन क्रिएटिविटी की जगह नहीं लेगा, बल्कि उसके पूरक के रूप में काम करेगा। उन्होंने बताया कि एआई से लोकल कंटेंट को बढ़ावा मिल रहा है। भारत में यूट्यूब का करीब 95 प्रतिशत इस्तेमाल क्षेत्रीय भाषाओं में किया जा रहा है।