आनंद अकेला की विशेष रिपोर्ट
भोपाल। राज्य सरकार ने पुलिस महकमे में प्रधान आरक्षक से निरीक्षकों के खाली पड़े करीब 15 हजार पदों को प्रभार से भरने की तैयारी कर ली है। सभी रेंज में वरिष्ठ पदों पर प्रभार देने की सूची भी तैयारी हो चुकी है, जिसे गृह मंत्रालय भेज दिया गया है। लेकिन सागर स्थिति जवाहर नेहरू पुलिस प्रशिक्षक स्कूल में पदस्थ प्रधान आरक्षक, वरिष्ठ पद सहायक उपनिरीक्षक का प्रभार लेने को तैयार नहीं है। इससे जेएनपीए के आरक्षकों की तरक्की में अड़ंगा लग गया है। आरक्षकों ने आईजी सागर से उनको उच्च पद का प्रभार देने का रास्ता निकालने की गुहार लगाई है।
इस सम्बंध में मिली जानकारी के अनुसार जेएनपीए सागर में सहायक उप निरीक्षक का एक भी पद स्वीकृत नहीं है। इस बीच शासन के आदेश के परिपालन में जेएनपीए में पदस्थ 15 प्रधान आरक्षकों का चयन वरिष्ठ पदों का प्रभार देने के लिए सागर रेंज की वरीयता सूची में शामिल कर लिया गया है। इनमें से 14 प्रधान आरक्षकों ने सहायक उप निरीक्षक के पद का प्रभार लेने से लिखित में इंकार कर दिया है। जिसकी वजह से जेएनपीए में पदस्थ आरक्षकों को प्रधान आरक्षक का प्रभार नहीं मिल पा रहा है।
इसलिए गड़बड़ाया मामला :
दरअसल जीएनपीए सागर में पदस्थ वरिष्ठ आरक्षकों एवं आरक्षकों की वरीयता सूची पूर्व की भांति जिला पुलिस बल सागर एवं पीटीएस सागर के साथ सम्मिलित रूप से न निकाले जाने के कारण जेएनपीए सागर के वरिष्ठ आरक्षकों को प्रधान आरक्षक (कार्यवाहक) का पद नहीं मिल पा रहा है । जेएनपीए सागर में वर्तमान में प्रधान आरक्षक का एकमात्र पद रिक्त है और 31 दिसंबर 2021 की स्थिति में मात्र 2 पद और रिक्त होंगे। जेएनपीए सागर में प्रधान आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक का कार्यवाहक प्रभार लेने से मात्र प्रधान आरक्षक का एक पद रिक्त होगा। इस प्रकार जेएनपीए सागर से वर्ष 2021 में लगभग 4 वरिष्ठ आरक्षकों को प्रधान आरक्षक का कार्यवाहक प्रभार देने के लिए नियुक्त किया जा सकेगा। इस नियम के पश्चात यदि जिला पुलिस बल सागर, जेएनपीए सागर, पीटीएस सागर के आरक्षकों की वरीयता सूची अलग-अलग जारी की जाकर प्रधान आरक्षक के पद का कार्यवाहक प्रभार भी अलग-अलग दिया जाता है तो इसमें से एक ही जिले के आरक्षकों के बीच काफी असमानता होगी।
पीएचक्यू पहुंचा मामला :
वरिष्ठ पदों पर प्रभार नहीं लेने का प्रदेश में यह पहला मामला सामने आया है। फिलहाल यह पुलिस मुख्यालय के संज्ञान में है। जल्द ही पीएचक्यू इस मामले में कोई समाधान निकालेगा। हालांकि सागर आईजी ने इस मामले में कोई निष्कर्ष अभी तक नहीं निकाला है।