चुरहट
दिन शनिवार दिनांक 14 अगस्त 2021 को देर रात लगभग 7:30 बजे चुरहट के विजय फिलिंग स्टेशन के पास एक 34 वर्षीय युवक सनत कुमार सिंह निवासी हस्तिनापुर थाना चुरहट का एक्सीडेंट हो गया।
मृतक सनत कुमार सिंह अपनी मोटरसाइकिल से जा रहा था तभी एक वैन ने ठोकर मार दी, युवक को उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चुरहट लाया गया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चुरहट में 34 वर्षीय युवक की मृत्यु हो गई। परिजनों ने बताया वह युवक अपने पैरों से चलकर स्वास्थ्य केंद्र की सीढ़ियां उतरकर सड़क से नीचे आया तथा हॉस्पिटल के बेड तक गया।
युवक के परिजनों ने आरोप लगाते हुए मीडिया को यह भी बताया कि हम स्वास्थ केंद्र चुरहट स्टाफ से विनती कर रहे थे कि उसका इलाज किया जाए या फिर नहीं कर सकते हैं तो रेफर किया जाए। परंतु!परिजनों का कहना है कि स्टाफ के द्वारा न तो डॉक्टर का नंबर दिया गया और ना ही डॉक्टर साकेत से बात कराई गई। 34 वर्षीय युवक जिसका एक्सीडेंट हुआ था उसका सही तरीके से इलाज नही किया गया।
देर शाम लगभग 7:30 बजे एक्सीडेंट हुआ था और रात लगभग 1:30 बजे उसकी इलाज ना मिलने से मृत्यु हो गई।
परिजनों ने आगे यह भी बताया की डॉक्टर साकेत की ड्यूटी थी और उनको पता था कि पेशेंट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चुरहट में भर्ती है, परंतु वे नहीं आए और जब उसकी मृत्यु हो गई ऑक्सीजन ना मिलने के कारण तब डॉक्टर ने आकर ऑक्सीजन लगाया और बाद में मृत घोषित कर दिया।
घटना से आक्रोशित परिजनों ने सुबह दिनांक 15 अगस्त 2021 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चुरहट में ध्वजारोहण के समय ही सड़क में चक्का जाम कर दिया।
जिसकी सूचना पुलिस को मिलते ही चुरहट थाना प्रभारी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया तथा परिजनों को मना कर जाम खुलवाया।
चुरहट थाना प्रभारी निरीक्षक कन्हैया सिंह बघेल ने परिजनों द्वारा दिया गया शिकायत आवेदन स्वीकार किया एवं वैधानिक कार्यवाही उपरांत शव का शव परीक्षण करवाकर शव को परिजनों को सौंप दिया।
चुरहट थाना प्रभारी निरीक्षक कन्हैया सिंह बघेल ने मीडिया को बताया की मृतक की मृत्यु कैसे हुई यह एक जांच का विषय है और जांच के उपरांत जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
वहीं चुरहट तहसीलदार मणिराज सिंह बागरी ने आनन फानन में बिना जांच किये डॉक्टर साकेत को क्लीन चिट देते हुए कहा की परिजनों के द्वारा लगाया गया आरोप सही नहीं है, क्योंकि उसमें डॉक्टर की कोई लापरवाही परिलक्षित नहीं होती है ,डॉक्टर ने रात्रि में जाकर उपचार करने का प्रयास किया है।
अगर डॉक्टर वास्तव में अपनी सेवा में अस्पताल में मौजूद होते तो शायद यह नौबत नही आती फिर भी बिना पड़ताल किये तहसीलदार द्वारा क्लीन चिट देना संदेह उत्पन्न करता है । क्या तहसीलदार महोदय डॉक्टर द्वारा सेवा में अनुपस्थित होने की स्थिति में जिम्मेदारी लेंगे और अपने पद से स्तीफा देंगे । त ब तो सभी पल्ला झाड़ निकल लेंगे ऐसे संवेदनशील मामले में इतनी लापरवाही पूर्वक बयान देना क्या शोभनीय है ???
स्वास्थ्य केंद्र चुरहट के डॉक्टरों की लापरवाही सामने आती जा रही हैं परंतु! प्रशासन द्वारा कोई भी कार्यवाही ना होने से आए दिन स्थानीय लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है।