आनंद अकेला की विशेष रिपोर्ट
सीधी। तेलंगाना से मध्यप्रदेश के आदिवासी समुदाय के 43 मजदूरों की सुरक्षित घर वापिसी हो गई है। रोजी-रोटी के चक्कर में सीधी जिले के ये सभी आदिवासी तेलंगाना जिले के वानापर्थी जिले में गए और ठेकेदार के चंगुल में फंस गए थे। जिला प्रशासन और पुलिस की सजगता के कारण इनकी वापसी हो पाई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिले की टीम से बात कर सभी के सकुशल घर पहुंचने की व्यवस्था के निर्देश दिये थे।
सीधी में मझौली थाना के ग्राम करमई के रहने वाले आदिवासी समुदाय के 43 मजदूर तेलंगाना के वानापर्थी जिले में मजदूरी करने गए थे। जहां वो ठेकेदार के चंगुल में फंस गए थे। जानकारी मिलने पर मजदूरों और ठेकेदारों से संपर्क किया गया। जानकारी मिली कि इन मजदूरों की लोकेशन बार-बार बदली जा रही है। ठेकेदार उन्हें छोड़ नहीं रहे थे। कभी महाराष्ट्र, हैदराबाद तो कभी कर्नाटक में मजदूरों की लोकेशन मिलती रही। अंतत: तेलंगाना के वानापर्थी जिले में मजदूरों की लोकेशन मिली। तुरंत सीधी पुलिस द्वारा वानापर्थी के एसपी अपूर्वा राव से बात की। मजदूरों की सकुशल वापसी सुनिश्चित की।
ऐसे पहुंचे सीधी
वानापर्थी एसपी के सहयोग से सभी 43 मजदूरों को वानापर्थी से 150 किलोमीटर दूर सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन तक पुलिस बस द्वारा पहुंचाया गया। सभी मजदूर मंगलवार 9 फरवरी को ट्रेन से रवाना हुए और बुधवार 10 फरवरी को सुबह सतना रेलवे स्टेशन पहुंचे। जहां सीधी कलेक्टर रविन्द्र चौधरी द्वारा की गई एक विशेष बस की व्यवस्था की गई थी। इस विशेष बस से मजदूरों को सतना से सीधी लाया गया। सीधी जनपद कार्यालय में विशेष बस से पहुंचे मजदूरों में 14 पुरुष, 12 महिलाएं तथा 17 बच्चे शामिल थे। उनके यहां पहुंचने पर स्थानीय विधायक केदारनाथ शुक्ला, जिला कलेक्टर रविन्द्र चौधरी, पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने उनसे मुलाकात कर उनसे पूरी जानकारी प्राप्त कर सभी को घर पहुंचाने की व्यवस्था की।
जिला प्रशासन ने की मुलाकात
सीधी पहुंचे सभी मजदूरों से जिला प्रशासन द्वारा मुलाकात कर उनसे घटना के संबंध में जानकारी ली गई। सभागार में मजदूरों ने अपने साथ हुई घटना के बारे में पूरी जानकारी बताई। साथ ही बताया कि किस तरह धोखे का शिकार होकर वो ठेकेदार के चंगुल में फंस गए थे। मजदूरों ने बताया कि वहां सबसे बड़ीं समस्या भाषा को लेकर थी। जिसका पूरा फायदा वहां का ठेकेदार और उनके कर्मचारी उठाते थे। उन्होंने कहा कि ठेकेदार के चंगुल से बचने की उनको उम्मीद नहीं थी। मजदूरों ने ठेकेदार से मुक्ति दिलाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और स्थानीय जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया।
जिला प्रशासन अब उन विकल्पों पर विचार कर रहा है जिसके जरिये इन सभी के रोजगार की स्थानीय स्तर पर व्यवस्था की जा सके। साथ ही बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले इसको लेकर विशेष कार्ययोजना बनाई जा रही है।