सीधी। केंद्र सरकार द्वारा बजट सत्र में एलआईसी की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए आईपीओ लाने के विरोध में सीधी एलआईसी के कर्मचारियों ने सासंद रीति पाठक को ज्ञापन सौंपा अपना विरोध जताया।
बुधवार को सीधी सांसद रीति पाठक को सौंपे ज्ञापन में एलआईसी बीमा कर्मचारी यूनियन सीधी के ईकाई अध्यक्ष बृजेश गुप्ता ने कहा कि देशभर में आज एलआईसी की कुल परिसंपत्ति 32 लाख करोड़ रुपए की है। एलआईसी की कुल परिसंपत्ति दुनिया के 75 देशों की जीडीपी से भी अधिक है। इसके बावजूद केंद्रीय सरकार आईपीओ के माध्यम से एलआईसी की निजीकरण के रास्ते पर ले जा रही है। बीमा कर्मचारी यूनियन सीधी के ईकाई सचिव केपी दाहिया ने बताया केंद्र सरकार ने इस साल पेश बजट में एलआईसी की लिस्टिंग का ऐलान किया है। जिसके तहत सरकार एलआईसी में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकती है। साथ ही कहा कि एलआईसी में आईपीओ आना देश हित में नहीं है।
बीमा कर्मचारी यूनियन के वरिष्ठ सदस्य पुष्पेंद्र पांडेय ने कहा कि एलआईसी देश के सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों में से एक है। इसके निजीकरण का कोई भी प्रयास देश के आम नागरिकों का भरोसा तोड़ने वाला काम होगा और यह वित्तीय संप्रभुता को प्रभावित करेगा।
बीमा कर्मचारी यूनियन के वरिष्ठ सदस्य विजय शुक्ला ने बताया कि एलआईसी के विनिवेश से 40 करोड़ बीमाधारक, 11 लाख अभिकर्ता, 1.15 लाख कर्मचारी, 55 हजार पेंशनर्स प्रभावित होंगे।