राजेश शर्मा की विशेष रिपोर्ट
भोपाल। मध्यप्रदेश में जल्द ही निकाय चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी विशेष रणनीति में जुटी हुई है। प्रदेश भाजपा की नई रणनीति के अनुसार निकाय चुनाव में पीढ़ी परिवर्तन का फार्मूला लागू किया जाएगा। जिसमें कार्यकर्ताओं को युवाओं को विशेष रूप से तवज्जों दी जाएगी। पार्टी के कार्यकर्ता आगे आ सके इसको लेकर भाजपा इस बार के निकाय चुनाव में नेता पुत्रों विशेषकर सांसदों और विधायकों को टिकट नहीं देगी। इसके साथ ही संगठन ने यह भी तय किया इन नेतापुत्रों को संगठन में भी जगह देने से बचा जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा कई नए फार्मूलों पर एक साथ काम कर रही है। यही कारण है कि अब प्रदेश भाजपा मैदान और संघर्षलीय युवाओं को फ्रंटलाइन में आगे लाकर मौका देना चाहती है। अभी तक होता यह आ रहा था कि मैदान में मेहनत तो कार्यकर्ता करता था पर जब मलाई खाने का वक्त आता तब नेतापुत्र आगे बढ़कर बाजी मार लेते थे। जिसके कारण कार्यकर्ताओं का काम दरी बिछाने और लपेटने तक ही सीमित रह जाता था। जिसके चलते कई बार कार्यकर्ता हतोत्साहित हो जाता है। जिसका बड़ा परिणाम 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को देखने को मिला था। इसक अलावा यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि इस बार टिकट के लिए भोपाल का चक्कर काटने का कोई लाभ नहीं है, क्योंकि नामों का फैसला इस दफा भोपाल से न होकर संगठन द्वारा गठित की गई समिति से होगा।
प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश भाजपा चुनाव संचालन समिति की संपन्न हुई बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। जिसके तहत चुनाव संचालन समिति ने तीन स्तरीय व्यवस्था बनाई है। इस व्यवस्था के तहत जिला, संभाग, राजधानी स्तर के बड़े नेता मंथन करेंगे और उसके पश्चात् ही टिकट बंटवारे का निर्णय लिया जाएगा। चुनाव संचालन समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि इस बार के नगर पंचायत के टिकट जिला स्तर से नगर पालिकाओं के संभाग और नगर निगमों के टिकट भोपाल स्तर से तय कर घोषित किए जाएंगे।
युवाओं को मौका, नेता पुत्रों को झटका
भाजपा चुनाव संचालन समिति के अनुसार इस बार के टिकट देने में युवाओं को विशेष तवज्जों दी जाएगी, जबकि नेता पुत्रों को अभी मैदान में काम करने के संकेत दे दिए गए हैं। पार्टी नेतापुत्रों के अलावा उनके परिजनों और रिश्तेदारों को भी उम्मीदवार बनाने से परहेज करेगी। कुछ ही फार्मूला संगठन में भी लागू करने की तैयारी है। पार्टी के इस निर्णय से कई नेतापुत्रों को बड़ा झटका लगेगा, विशेषरूप से उन्हें जो विधानसभा में टिकट न मिलने के बाद संगठन में भी जगह नहीं मिली थी। ऐसे नेतापुत्रों और परिजनों की निगाहें नगरीय निकाय चुनाव के साथ युवा मोर्चा के अहम पदों पर लगी हुई थी। पर यहां से टिकट और स्थान देने से परहेज करने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही इन चुनावों में पार्टी की जीत के लिए मंत्रियों के साथ ही संगठन ने अपने विधायकों को भी जिम्मेदारी तय करने का निर्णय लिया है।
वरिष्ठ नेता ही लेंगे ये बड़े निर्णय
नगरीय निकाय चुनाव संचालन समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि चुनाव के दौरान जारी किए जाने वाले घोषणापत्र से पहले वरिष्ठ नेताओं से न केवल सलाह ली जाएगी बल्कि वहां के स्थानीय मुद्दों के बारे में भी जानकारी ली जाएगी। जिलास्तर से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर भी प्रदेशस्तर का घोषणापत्र तैयार किया जाएगा। जिसके लिए नेताओं को 25 फरवरी तक का समय दिया गया है।
कोई चूक नहीं चाहती प्रदेश भाजपा
नगरीय निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश भाजपा किसी भी तरह की चूक नहीं चाहती है। यही कारण है कि चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रदेश भाजपा ने कई चरणों में योजना बनाई है। जिसके तहत पहला चरण संपन्न हो गया। इसके पश्चात् अब पार्टी दूसरे चरण का काम शुरू करेगी, जिसके तहत निकाय क्षेत्रों में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा 22 फरवरी से दौरे पर जाएंगे।
वरिष्ठ पार्षदों और विधायकों पर भी कैची
बैठक में तय किए गए निर्णय के अनुसार जो पार्षद तीन या इससे अधिक बार से पार्षद पद पर रह चुके हैं, उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। हालांकि अपवादस्वरूप जहां योग्य उम्मीदवार नहीं मिलता वहां पर कुछ को मौका दिया जा सकता है। पर इस बार किसी भी विधायक को महापौर का टिकट नहीं दिया जाएगा। साथ ही जो पार्षद अपने स्थान पर अपने परिजनों के लिए लाबिंग कर रहे हैं उन्हें भी इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा।