हरिद्वार
कुम्भ मेले में नेत्र कुंभ और पालीथिन मुक्त पर्यावरण युक्त बनाने चलाया जा रहा अभियान, मेला प्रशासन ने शाही स्नान के दौरान ट्रैफ़िक व्यवस्था के लिए संघ आरएसएस के स्वयंसेवक की मांग की है ।
संघ (आरएसएस ) और उसके अनुषांगिक संगठनों ने इस हेतु कार्य भी प्रारंभ कर दिए हैं। कुंभ में पड़ने वाले शाही स्नानों के समय यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए लगभग 1000 स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
संघ के विभाग प्रचारक श्री शरद कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि कुम्भ के दौरान पड़ने वाले शाही स्नान पर श्रद्धालुओं की बड़ी मात्रा में उपस्थिति रहती है इस कारण मेला प्रशाशन ने यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से बनाये रखने के लिए संघ से सहयोग मांगा था जिसके लिए जल्दी ही 1000 स्वयंसेवकों की सूची का चयन कर मेला प्रशासन को उपलब्ध कर दी जाएगी
पुलिस प्रशासन से प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयंसेवक यातायात व्यवस्था में जुट जाएंगे।
स्वयंसेवकों की व्यवस्था की दिनचर्या बनाई जाएगी
आईजी कुम्भ मेला संजय गुंजल ने बताया कि स्वयंसेवको की कार्य करने की व्यवस्थित दिनचर्या बनाई जाएगी जिसमें कहाँ और कितने स्वयंसेवक लगने हैं इसका विवरण होगा।पुलिस की ड्यूटी के जैसे ही स्वयंसेवक भी अपनी सेवाएं निर्धारित समय तक देंगे ।
क्या गणवेश में रहेंगे स्वयंसेवक ?
इस प्रश्न के जवाब में आईजी श्री गुंजाल ने कहा कि गणवेश के संबंध में समस्त निर्णय संघ के पदाधिकारी ही लेंगे ,स्वयंसेवक अपनी सेवाएं देने के दौरान किस वेश में रहेंगे इसका निर्णय पुलिस प्रशासन नही बल्कि संघ लेगा।
मेला व्यवस्था में स्वयंसेवकों ने रचा चक्रव्यूह
श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के कैसे व्यवस्थित किया जाएगा इसका छोटा सा प्रतिरूप चक्रव्युह रचना कर दिया गया जिसमें श्रद्धालुओं के रुप मे पुलिस के जवानो ने चक्रव्युह में प्रवेश किया और स्वयंसेवकों ने नियंत्रण की कमान सम्हाली ।इस चक्रव्युह में बुजुर्ग श्रद्धालुओं को ध्यान में रख कर कई व्यवस्थाएं भी रखी गयी थी जैसे पेय जल ,दवा आदि की व्यवस्था थी ।इस व्यूह रचना को आईजी ने खूब सराहा ।पुलिस एवं स्वयंसेवकों के साथ हरिद्वार कुम्भ को सफल बनाने का निश्चय किया।
पश्चिम उ.प्र. क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक जी ने कहा कि मां गंगा की सेवा करने का मौका हर किसी को नहीं मिलता, महाकुम्भ में रहकर जन सेवा करने का अवसर स्वयंसेवकों को मिला है..