आनंद अकेला की विशेष रिपोर्ट
भोपाल। प्रदेश के लगभग दर्जनभर जिलों में विकास की राह पर तेजी से दौड़ेंगे। यह होगा केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से। केंद्र द्वारा इस जिलों के विकास के लिए हरी झंडी दे दी गई है। केंद्र के द्वारा प्रदेश के शामिल 12 जिलों में विंध्य के सतना जिले को भी विकास के लिए शामिल किया गया है। योजना के तहत विकास के लिए लगभग 150 करोड़ रुपये पहले चरण में खर्च किए जाएंगे। इसमें अधिकतर धनराशि औद्योगिक विकास के लिए खर्च होगी। सरकार का मानना है कि इससे लगभग दो लाख रोजगार के पद सृजित किए जा सकते हैं।
प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा कई जिलों के विकास के लिए केन्द्र को प्रस्ताव भेजा गया था। प्रदेश सरकार आत्म निर्भर मप्र के तहत प्रदेश के दो दर्जन जिलों में छोटे और मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने की नीति पर काम कर रही है। इसके लिए कई जिलों में औद्योगिक अधोसंरचना के विकास काम किया जाना है। इसके लिए केन्द्र सरकार को दो दर्जन प्रस्ताव भेजे गए थे, जिनमें से फिलहाल एक दर्जन प्रस्तावों को केन्द्र ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। फिलहाल स्वीकृत प्रस्तावों को अब केन्द्र सरकार की स्क्रीनिंग कमेटी में पेश किया जाएगा। इसके बाद इन प्रस्तावों को अंतिम रुप से अनुमोदन प्रदान किया जाएगा।
दो लाख से ज्यादा रोजगार होंगे सृजित
माना जा रहा है कि अगर इन क्षेत्रों का सरकार की मंशा के हिसाब से विकास हुआ और उसी हिसाब से उद्योगों की स्थापना हुई तो करीब दो लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। वर्तमान में प्रदेश में रोजगार का बड़ा संकट बना हुआ है। सरकारी नौकरियों में अवसर न के बराबर होने से अब निजी सेक्टर पर ही रोजगार का पूरा दारोमदार बना हुआ है। प्रदेश सरकार इसी वजह से इन जिलों में यह काम जल्द से जल्द करने के पक्ष में है। यही वजह है कि प्रदेश सरकार पहले से ही इन प्रस्तावों के तहत राज्य के खजाने से खर्च की जाने वाली राशि का बंदोबस्त कर चुकी है।
इन्हें मिल चुकी है स्वीकृति
केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के जिन एक दर्जन प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है, उनमें भोपाल और राजगढ़ में इंजिनियरिंग क्लस्टर तथा औद्योगिक संस्थान फूड प्रोसेसिंग का प्रस्ताव भी शामिल है। इसके अलावा अकोदी में लाख क्लस्टर का प्रस्ताव भी शामिल है। इसी तरह से भोपाल, बालाघाट, खरगोन, बुरहानपुर, बैतूल, देवास, उज्जैन सतना, छतरपुर और अशोकनगर के औद्यौगिक केन्द्रों और अधोसंरचना विकास के प्रस्ताव भी शामिल हैं।