भोपाल। मप्र में शिव सरकार का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार और टीम वीडी की घोषणा का इंतजार अब अगले हफ्ते समाप्त होने के आसार दिखना शुरू हो गए हैं। माना जा रहा है कि नए साल के आगाज के साथ ही यह दोनों काम प्राथमिकता से कर लिए जाएंगे। इसके संकेत पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव द्वारा मीडिया से चर्चा में दिए गए हैं। दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार के लिए पार्टी संगठन द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हरी झंडी दे दी गई है।
इस विस्तार के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से तय की गई गाइडलाइन प्रदेश में सत्ता और संगठन को प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने दे दिया है। इसके साथ ही एक बार फिर से संगठन की टीम और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
उधर जिस तरह से दो दिन पहले राज्यसभा सांसद श्रींमत प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित किए गए जिला अध्यक्षों के प्रशिक्षण में पूरे दिन शामिल रहे, उससे नए संकेत मिलना भी शुरू हो गए हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस दौरान श्रीमंत की प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव,सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर संगठन की नई टीम को लेकर लंबी चर्चा की गई है। इसके बाद मुरलीधर राव ने शर्मा व चौहान को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा तय की गई गाइडलाइन की जानकारी दी गई है।
माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले टीम वीडी की नई टीम की घोषणा कर दी जाएगी। इसमें कई ऐसे चेहरों को लिए जाने की संभावना है, जो मंत्रिमंडल में शामिल होने के प्रबल दावेदार हैं, लेकिन उन्हें कम स्थान की वजह से जगह दिया जाना संभव नही है।
नई टीम में नहीं मिलेगा श्रीमंत को महत्व: माना जा रहा है कि प्रदेश भाजपा की नई टीम में श्रीमंत का असर नहीं दिखेगा। इस टीम में उनके कुछ समर्थकों को बतौर सदस्य के साथ ही एकाध समर्थक को ही पदाधिकारी बनाया जाएगा। इसके लिए पार्टी ने लगभग अपनी लाइन तय कर ली है। इस टीम में सर्वाधिक वीडी शर्मा और शिवराज सिंह के समर्थकों को ही मौका मिलना तय है।
दरअसल पार्टी अपनी नई प्रदेश की टीम में युवाओं को अधिक मौका देना चाहती है। इसके चलते विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को अधिक मौका मिलने के आसार बताए जा रहे हैं। वीडी भी पार्टी में अभाविप के माध्यम से ही आए हैं।
रखा जाएगा श्रीमंत की मंशा का ध्यान
पार्टी सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल विस्तार में श्रीमंत की मंशा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसकी वजह से उनके बेहद करीबी गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट की शपथ तय मानी जा रही है, साथ ही यह भी कहा गया है कि शेष चार रिक्त पदों के लिए नामों को श्रीमंत और शिवराज आपसी समन्वय से तय करेंगे। इसकी वजह से माना जा रहा है कि इन चार में से दो पद श्रीमंत और दो पद भाजपा के हिस्से में जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि चर्चा में हारे हुए श्रीमंत समर्थक तीनों मंत्रियों के पुनर्वास पर भी चर्चा की गई है।
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