नेशनल फ्रंटियर, शहडोल। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा पूरक पोषण आहार वितरण की वस्तुस्थिति जानने के लिए शहडोल संभाग की लगभग 20 आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मोबाइल पर बीते दिनों चर्चा के लिए सम्पर्क स्थापित किया गया था, लेकिन कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कोई चर्चा नहीं कि गई, वहीं कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के नम्बर बन्द मिले। इस तरह से लापरवाही को लेकर संभाग में शुरू हुए संवेदना अभियान को पलीता लगते दिखाई पड़ रहा है, हालांकि इसके पीछे शहडोल जिले के कई पर्यवेक्षकों की तानाशाही और सही समन्वय न होना भी एक वजह मानी जा रही है। जबकि संभागायुक्त ने कड़े निर्देश दिए हैं की ऐसी स्थिति में जिसकी लापरवाही होगी उसके ऊपर कार्यवाही होगी। वहीं समीक्षा बैठक में आज कमिश्नर ने निर्देश दिया है कि कार्यकर्ताओं द्वारा मोबाइल नही उठाने पर और मोबाइल फोन पर चर्चा नही करने की स्थिति में संबंधी क्षेत्र के पर्यवेक्षक को निलंबित किया जाएगा।
समन्वय पर उठे सवाल :
कुपोषण मिटाने को लेकर संभाग स्तर पर जोर आजमाइशें चल रही हैं, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों के मध्य समन्वय न होने के कारण कुपोषण जैसा कलंक खत्म होना किसी सपने से कम नहीं आंका जा रहा है जिसे लेकर संभागायुक्त ने भी निर्देश दिए हैं कि शहडोल संभाग से कुपोषण के कंलक को दूर करने के लिए अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्व समन्वय होना चाहिए, योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और सुचिता होना चाहिए तभी कुपोषण को कम किया जा सकेगा और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।
इन पर होगी कार्यवाही :
संवेदना अभियान की समीक्षा के दौरान संभागायुक्त ने कहा कि आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा मोबाइल नही उठाने पर और मोबाइल फोन पर चर्चा नही करने की स्थिति में संबंधी क्षेत्र के पर्यवेक्षक को निलंबित किया जाएगा तथा उस क्षेत्र के परियोजना अधिकारी की एक वेतन वृद्वि रोकी जाएगी। वहीं यदि परियोजना अधिकारियों द्वारा मोबाइल बंद रखे रहने या मोबाइल पर चर्चा नही करने की स्थिति में संबंधी जिला कार्यक्रम अधिकारी के विरूद्व कार्यवाही करने को लेकर सख़्त निर्देश दिए