विकाश शुक्ला/उमरिया। जिले में शनिवार को कोरोना वैक्सीन लगवाने के लगभग 2 घण्टे बाद एक वृद्ध के मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। घटना उमरिया जिले के समीपस्थ गांव भरौला का है जहां लगभग 62 वर्षीय बुजुर्ग कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु लगाए जाने वाले टीका लगवाने पहुंचा तो उसके 2 घंटे बाद वह दम तोड़ दिया। मृतक धन्नू लोनी पिता कोदू लोनी उम्र तकरीबन 62 वर्ष निवासी भरौला बताया जा रहा है। मृतक के पुत्र राम निहोर लोनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पिता की मौत कोरोना वैक्सीन लगने से हुई है। वैक्सीन लगावने के बाद वह घर लौटे और भोजन कर आराम करने के बाद शाम को टहलने के लिए गए जहां से आने के बाद घर मे वे अचेत हो गए, जिसके बाद उन्हें जिला चिकित्सालय लाया गया, लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी। मृतक के परिजनों का आरोप है की राशन और पेंशन लेने पहुंचने पर वैक्सिनेशन प्रमाण पत्र मांगा जाता है, यह सरकारी फरमान होने के कारण वैक्सीन का दबाव बनाया जाता है जिसके कारण यह मौत हुई है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिले के राशन कोटेदारों को मौखिक फरमान उच्चाधिकारियों द्वारा दिया गया है कि जब तक प्रमाण पत्र न दिखाएं तब तक राशन न दिया जाए। हालांकि परिजनों के आरोप के बाद जिला टीकाकरण अधिकारी सी.पी. शाक्य ने बताया कि अभी तक कहीं भी कोरोना वैक्सीन लगवाने से मौत नहीं हुई है, लेकिन यदि परिजन आरोप लगा रहे हैं तो कोविड प्रोटोकॉल के तहत शव को मेडिकल कॉलेज भेजकर परीक्षण कराया जाएगा, रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। वहीं पँचायत सरपंच ने मृतक के परिजनों को 25 लाख मुआवजा दिलाने की चर्चा छेड़ दी है। घटना रात्रि की है जब जिला चिकित्सालय में परिजनों व ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर हड़कम्प मचाना शुरू कर दिया था, जहां मामले की जानकारी लगने के बाद जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक पहुंचे। कुछ समय के लिए जिला चिकित्सालय छावनी में तब्दील हो गई थी, हालांकि आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों को समझाते हुए मामले को शांत कराया गया। गौरतलब है कि जिले में सफ़लता के साथ चल रहे टीकाकरण में आज इस मौत ने बदनुमा दाग लगा दिया है, जिसके जांच के बाद मौत की वस्तुस्थिति स्पष्ट हो पाएगी।