सीधी sbi बैंक मुख्य शाखा में विगत दिनों हुई डकैती लूट की वारदात में काफी तेजी से काम करते हुए सीधी पुलिस द्वारा मात्र कुछ ही घंटों में आरोपी को पकड़ लिया गया।जबकि पकड़े गये व्यक्ति ने अपराध किया ही नही। जी हां सच्चाई सामने आने के बाद सभी हतप्रभ हैं।
एक स्वामी भक्त कर्मचारी को अपने स्वामी का दिया हुआ कार्य करने की सजा ऐसी मिली कि वह लूट का आरोपी बना दिया गया ,बिन गलती के आरोपी ।
वास्तव में हुआ यह कि सीधी स्थित कृष्णा ट्रेडिंग एंड हार्डवेयर के संचालक ने अपने यहाँ कार्य करने वाले कर्मचारी को एक आवेदन लेकर बैंक इसलिए भेजा क्योंकि उसका कुछ पैसा ट्रांसफर करने के दौरान नेटवर्क कंजेक्सन की वजह से फस गया था ।
उसी राशि का पता करने हेतु कृष्णा ट्रेडिंग के संचालक ने अपने मातहत को बैंक भेजा था ।
जहां किसी और कि गलती की सजा इस सामान्य से कर्मचारी को चुकानी पड़ी।
बैंक में मालिक के पैसों की जानकारी लेने गए युवक को सहायक बैंक प्रबंधक की लापरवाही के कारण उक्त लूट की रकम दे दी गयी, अब यह ठहरा कर्मचारी इसे नही मालूम कितनी रकम मालिक की फसी है मैनेजर से मालिक की बात कराई मालिक ने मैनेजर को कहा राशि आ गयी हो तो दे दीजिए ।मैनेजर ने जो राशि दी वह लेकर कर्मचारी अपनी दुकान आकर मालिक के गल्ले में दे देता है.।
उधर मैनेजर को अहसास हुआ कि उस से गलत पेमेंट हो गयी तो पुलिस को सूचना दी जाती है और आनन फानन में पुलिस तत्परतापूर्वक कार्यवाही करते हुए आरोपी को अपनी गिरफ्त में ले लेती है । और एक प्रेस नोट भी रिलीज किया जाता है ।
लेकिन तब तक मैनेजर और पुलिस दोनों को अपनी गलती समझ आती है।
आज घटना में अचानक मोड़ तब आता है जब मीडिया इस बात को उजागर करती है ।सम्पूर्ण घटना सामने आने के बाद बैंक के सहायक प्रबंधक द्वारा मात्र एक वीडियो रिलीज कर अपनी गलती स्वीकारते हुए माफी मांगी जाती है ।लेकिन क्या इस माफी से उस गरीब जो मेहनत करअपनी आजीविका चला रहा है कि खोई हुई इज्जत मिल जाएगी ????
वास्तव में कार्यवाही तो उस बैंक प्रबंधक पर होनी चाहिये जिसने यह गलती की, किसी मेहनत कस इंसान की गाढ़ी कमाई मात्र अपनी लापरवाही के कारण किसी अन्य को दे दी ।
गनीमत थी कि पुलिस ने समय के भीतर संदेही को गिरफ्तार किया और गनीमत यह भी की संदेही की नीयत साफ और हृदय स्वच्छ था ।उसके द्वारा हुआ कृत्य अपराध नही अज्ञानता थी ।
लेकिन क्या इस समस्त प्रकरण के वास्तविक दोषी मैनेजर को माफी का वीडियो देकर बरी किया जाना चाहिए ?????