विकाश शुक्ला/उमरिया। विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ नेशनल पार्क में इन दिनों जंगल सवारी कराने वाले हाथियों की ख़ातिरदारी की जा रही है। पर्यटकों के पार्क खुलने से पहले यहां कई वर्षों से हाथी महोत्सव का कार्यक्रम कराया जाता है, जो इस वर्ष बीते शनिवार 4 सितम्बर से शुरू किया गया है। लेकिन इस बार टाइगर रिजर्व में इस उत्सव का नाम बदलकर गज महोत्सव रख दिया गया है। 4 सितंबर से शुरू हुआ यह महोत्सव शुक्रवार 10 सितंबर को समाप्त होगा। एक सप्ताह के समय सीमा के साथ शुरू हुए इस गज महोत्सव में जंगल की सफारी करने से पहले हाथियों की जमकर ख़ातिरदारी की जा रही है। पर्यटकों की सवारी से लेकर वन्यजीवों की सुरक्षा में तैनात रहने वाले बांधवगढ़ के हाथियों की साल भर कार्य लेने से पहले उनकी जमकर सेवा की जा रही है। हाथियों को उनका पसंदीदा व्यंजन खिलाया जा रहा है।
तेल मालिश के साथ हो रहा सत्कार :
गज महोत्सव मे इस बार बीटीआर के हाथीयो के समूह मे 14 नर मादा हाथी है। जिनकी नहलाने से लेकर तेल मालिश करते हुए, उन्हें फल से लेकर हाथीयो के पसंद के सुन्दर व्यंजन खिलाये जाते है।
सुबह से हाथियों को नहला कर तेल मालिश कर उन्हें कच्चा नारियल, केला, गन्ना, सेव, रोटियां और गुड़ सहित विभिन्न प्रकार के व्यंजन खिलाये जाते है। गज महोत्सव की खास बात यह है, कि हाथियों से इस महोत्सव मे सात दिवस तक किसी भी प्रकार का काम नही लिया जाता और गजराज आराम फरमाते हैं।
परिवार के तौर पर होते हैं एकत्रित :
महोत्सव के दौरान हाथी एक परिवार के रूप में एकत्र होते हैं, इसी समय उनका परिचय होता है। महोत्सव की समाप्ति के बाद ये विभाजित होकर अपने-अपने कैंपों के लिए रवाना हो जाते हैं। महोत्सव के दौरान हाथियों के पसंदीदा भोजन के साथ साथ उनका स्वास्थ्य परीक्षण विशेषज्ञ और चिकित्सकों द्वारा किया जाता है। विदित हो कि हाथी टाइगर रिजर्व के दुर्गम क्षेत्र में वर्ष भर अपनी सेवाएं देते हैं, और बाघों को दिखाने का काम भी बड़ी सहजता से करते हैं।
दूर दूर से आते हैं वन्यप्रेमी :
बांधवगढ टाइगर रिजर्व अक्टूबर माह में पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। पार्क प्रबंधन द्वारा इसे लेकर तैयारियां की जा रही है। वहीं गज महोत्सव को लेकर ताला में इन दिनों उत्साह का माहौल है। यही नहीं इस महोत्सव में लोग दूर दूर से आते हैं। जिन्होंने पहली मर्तबा इस उत्सव को देखा, वे भी इसकी सराहना किये। वहीं कटनी सहित अन्य क्षेत्रों से गज महोत्सव में पहुंचे लेगों ने कहा, कि इस तरह से कार्यक्रम का अच्छा अरेंजमेंट किया गया है। प्रबन्धन ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के लोगों और जन नागरिकों को जागरूक करना है, कि इस परिस्थितिक तंत्र में जितना महत्व मनुष्य का है, उतना ही इस परिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वन्यजीवों का भी है।