सिंगरौली /बैढ़न-
जिला मुख्यालय से लगभग 1 किलोमीटर दूर कचनी बाजार में सोनालिका टैक्टर एजेंसी के सामने नगर निगम सीवरेज का कार्य सुधार का काम चल रहा था सुधारने के लिए संविदाकार के.के.स्पन के मजदूर मेंटेनेंस करने के लिए बिना सुरक्षा उपकरणों के ही गड्ढे के अंदर संविदाकार के कहने पर घुसे तब अंदर से निकलने लगी विषैली गैस की वजह से पहला व्यक्ति मूर्छित हुआ। इस पर भी ठेकेदार द्वारा उस मूर्छित मजदूर को निकालने के बजाय दूसरे मजदूर को भेजा गया और यह सिलसिला 3 मजदूरों को असमय काल के गाल में ले गये।
ऑक्सीजन न मिलने और विषैली गैस के रिसाव ने तीन लोगों को मौत की नींद सुला दी।
घटना की जानकारी लगते ही शासन प्रशासन व जिले के कलेक्टर राजीव रंजन मीणा एवं जिले के पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र कुमार सिंह उपखंड अधिकारी ऋषि पवार नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी तथा भारी संख्या में कई थानों की पुलिस बल व क्षेत्रीय लोग पहुंचे।
आनन-फानन में विंध्यनगर से सी.आई.एस.एफ.टीम ने रेस्क्यू किया । लेकिन उनको जिंदा नहीं बचाया जा सका क्योंकि जहरीली गैस के कारण बाहर निकलने की पूर्व ही उनकी मौत हो चुकी थी।
यह निगम प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है । लगभग 1 घंटे बाद भी ऑक्सीजन नहीं पहुंचा था ।
ऑक्सीजन पहुंचने पर भी निगम प्रशासन के पास पाइप ना होने के कारण मार्केट से मोटी पाइप खरीद कर गड्ढे में ऑक्सीजन डाली गयी।सीवर में फसे मज़दूरों को निकालने के लिए शासन प्रशासन के पास कोई खास सुविधा नहीं थी ।
आक्रोशित लोगों ने रोड किया जाम
रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तीनों मृतकों कन्हैया लाल यादव पिता छोटेलाल यादव निवासी चाचर,नरेन्द्र रजक पिता रघुनाथ रजक निवासी तेलदह एवं इंद्रभान सिंह पिता देवराज सिंह निवासी भोजपुर भोपाल को निकाल कर ट्रामासेंटर ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया ।
इस लापरवाही के लिए जहां सिंगरौली नगर निगम और उक्त ठेकेदार जिम्मेदार है वही कही न कही जिला प्रशासन भी जिम्मेदार है और इन जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही कौन करेगा यह प्रश्न अभी भी जस का तस है ।