आखिर मामला क्या था
संजय टाइगर रिजर्व सीधी की एक युवा बाघिन टी- 30 जो तकरीबन 3 से 4 वर्ष की थी ,जिसे कुछ दिनों के लिए बांधवगढ़ में शिफ्ट किया गया था जहां से उसे
बीते 1 जून को ही वापस सीधी लाया गया था,जिसे हाईटेंशन करंट के बिछाए गए खूंटी और तार में फंसाकर शिकारियों ने मौत के घाट उतार दिया।
इस बाघिन का लोकेशन 5 नवंबर से विभाग को नहीं मिल पा रहा था, इसके गर्दन में लगे कॉलर आईडी का अंतिम लोकेशन 5 नवंबर को शाम 4:30 बजे विभाग को मिला था, इस अंतिम लोकेशन के बाद जब विभाग को इसका कई दिनों तक लोकेशन नहीं मिला तो सैटेलाइट लोकेशन के द्वारा इसे सर्च करने पर 11 नवंबर की रात 11:30 बजे तक ही पहली बार संजय टाइगर रिजर्व के माच-महुआ से रमदहा कुंड होकर गुजरना लोकेट किया जा सका।सर्चिंग अभियान में वनविभाग के वफादार अपोलो नामक कुत्ते सराहनीय प्रयास रहा ।अपोलो की मदद से वनविभाग को बाघिन के अवशेष ढूढ़ने में काफी मदद मिली।
चार दिनों से जारी थी सर्चिंग
संजय टाइगर रिजर्व सीधी को जब बीते 18 नवंबर तक इस बाघिन का कोई लोकेशन नहीं मिला तो टाइगर रिजर्व सीधी की 3 रेंज की टीम तथा सिंगरौली जिले के पश्चिम सरई की एक टीम को इस युवा मादा बाघिन को ढूढ़ने के लिए लगाया गया ।
शुक्रवार 19 नवंबर को इस टीम को सिंगरौली जिले के पश्चिम सरई रेंज के बंजारी गांव के पास राजस्व जंगल में कई ऐसे गड्ढे जिसमें लकड़ी की खूंटी एक ट्रांसफार्मर के पास से सीरीज में गड़ी हुई पाई गईं जो तकरीबन 2 किलोमीटर दूर तक गाड़ी गई थीं । इस दौरान उन्हें एक दो जगह पर बाघिन के बाल भी देखने को मिले।
संजय टाइगर रिजर्व ने इस दौरान अपने खोजी कुत्ते की मदद ली और शुक्रवार तथा शनिवार को खोजी कुत्ते ने इस एरिया में जाकर हाल ही में खोदे गए एक गड्ढे को ढूंढ निकाला। विभाग द्वारा इस गड्ढे की मिट्टी को हटाने पर उसमें बाघिन के सिर्फ कुछ बाल तथा उसकी खाल का बहुत थोड़ा सा अवशेष मिला था।
बाघिन के शिकार करने के इन आरोपियों ने उसके गर्दन में लगी कॉलर आईडी को बुरी तरह कूंचकर जला दिया गया था जिसके भी अवशेष विभाग को प्राप्त हुए हैं।
यद्यपि इस मामले में कुछ लोगो की गिरफ्तारी हुई है जिनकी शिनाख्त पर बोरे में बंद बाघिन के अवशेष बरामद कर लिए गए हैं ।अभी मुख्य सरगना की तलाश जारी है ।
बताते चलें कि शिकार हुई मादा ने अपने शिकार होने के कुछ समय पूर्व बंजारी क्षेत्र में कुछ पालतू जानवरों का शिकार किया गया था ऐसी जानकारी स्थानीय लोगो से प्राप्त हुई है ।किन्तु इस शिकारी का शिकार करने के लिए भी कुछ लोगों ने षड्यंत्र किया इसे कहाँ मालूम था ।खैर
वन्य जीवों की रक्षा करना खासकर उन वन्य जीवों की जो विलुप्त प्राय हो रहे हैं मानवों का कर्तव्य है किंतु समाज मे लालची ,मदान्ध लोंगो की भी कमी नही है वन विभाग का अपराधियों को ढूढ़ने का अभियान जारी है और गिरफ्त में आये शिकारियों को निश्चय ही कानून दंड देगा ।