सीधी
पुरातन काल मे ऋषि मुनियों ने माता-पिता के दर्जे को ईश्वर के तुल्य रखा है संतान के लिए माता पिता क्या क्या त्याग करते हैं और समय आने पर काल से भी भीड़ जाते है ।इसका शब्दों में वर्णन कर पाना असंभव बताया गया है ?
इसका एक जीवंत उदाहरण सीधी जिले के कुसमी तहसील के संजय टाइगर बफर जोन टमसार रेंज क्षेत्र अंतर्गत तीन ओर पहाड़ों से घिरे बाड़ी-झरिया गांव में देखने को मिला। जहाँ एक बैगा समाज की आदिवासी माँ अपने बेटे की जान को खतरे में देखकर अपनी जान की परवाह किये बगैर जंगली खुंखार जानवर तेंदुआ से टकरा गई। मां के साहस के आगे आखिरकार तेंदुआ को हार माननी पड़ी और अंततः बालक को छोड़ना ही पड़ा।
घटना में तेंदुआ के हमले से घायल 8 वर्षीय बालक राहुल बैगा पिता शंकर बैगा के गाल पीठ एवं एक बाएं आंख में गंभीर चोटें आई हैं। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग टमसार की टीम द्वारा रात में ही घायल राहुल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अस्पताल कुसमी पहुंचाकर उपचार कराया जा रहा है।
पूरा मामला बीते रविवार की शाम 7 बजे की है जब एक आदिवासी बैगा जनजाति की महिला किरण बैगा अपने बच्चों को ठंड से बचाने के लिए अलाव जलाकर तीनों बच्चों को लेकरघर के पास बैठी हुई थी।
आदिवासी महिला किरण बैगा पति शंकर बैगा ने पूरे घटना की आपबीती मीडिया से बताई कि शाम के 7 बजे के आसपास मैं अलाव जलाकर तीनो बच्चों के साथ बैठी हुई थी एक बच्चा गोदी में बिठाई थी, अगल-बगल दोनों बच्चे बैठे थे, पीछे से अचानक जंगली तेंदुआ आया और बगल में बैठे मेरे 8 वर्षीय बेटे राहुल को मुँह में दबोचकर उठाकर जैसे ही चला मैं भी चीखती चिल्लाती अंधेरी रात में पीछे पीछे चलती गयी।
1 किलोमीटर दूर तेंदुआ जंगल मे ही एक जगह रुका और बालक को पंजो से दबोचकर बैठ गया तब मैंने हिम्मत और साहस करके उसके पंजे से बच्चे को किसी तरह छुड़ाई और हल्ला गुहार की। फिर मैंने अपने बच्चे को अपने बांहों में कसकर लिपटा ली तब दूसरी बार तेंदुए ने फिर वार किया। तब मैंने उसके पंजे को पकड़कर जोर से धकेल दी। तब तक गाँव के लोग भी पहुँच गए और तेंदुआ वहां से जंगल की ओर भाग गया। महिला ने बताया कि इसके बाद मैं बेहोश हो गई जब मेरी आँखें खुली तो मैं अस्पताल में थी।
इनका कहना है…
- छोटा तेंदुआ था जो बालक को घायल कर दिया था। उसके वार से बालक के पीठ, गाल एवं आंख में चोटे आई हैं, जिसे शाम को ही कुसमी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है एवं तत्कालीन सहायता के रूप में ₹1000 की राशि दे दी गई है जो भी उपचार का खर्चा हो जाएगा पूरा खर्चा विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
असीम भूरिया
परिक्षेत्राधिकारी
संजय टाइगर बफर जोन,
टमसार