नेशनल फ्रंटियर, उमरिया। बाघों की नगरी में स्थित पुरातात्विक संपदा के संरक्षण के लिए रणनीति बनाई जाएगी। कुछ माह पहले हुए स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक में इस बारे में पार्क प्रबंधन ने स्पष्ट किया था, कि बांधवगढ़ की पुरातात्विक धरोहरों को सुरिक्षत किया जाएगा। इसे लेकर कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा की अध्यक्षता में आगामी 24 फरवरी को दोपहर 12 बजे से बांधवगढ़ के प्राचीन मूर्तियों के संरक्षण के संबंध में समीक्षा बैठक कमिश्नर सभागार में आयोजित की गई है।बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जोन शहडोल, कलेक्टर जिला उमरिया, क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व, पुलिस अधीक्षक जिला उमरिया, अधीक्षण, पुरातत्वविद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जबलपुर भी उपस्थित रहेंगे। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगलों में स्थित शेष शैया, किला, कबीर चौरा, गुफाएं, सेन स्मारक सहित अन्य पुरातात्विक धरोहरों को सुरक्षित करने के लिए पुरातत्ववेत्ताओं का सहयोग लिया जाएगा। वहीं पुरातात्विक संपदा को सुरक्षित करने के लिए किन-किन तकनीक की आवश्यकताएं होंगी, इसके बारे में भी रणनीति बनेगी। जानकारों का कहना है, कि विशेषज्ञों की एक टीम बनेगी, जो सभी पुरातात्विक धरोहर को सुरक्षित करने के लिए अपनी सलाह देंगे और इस पर कार्य करेंगे।