सुभाष कुमार पाण्डेय (गुरु भाई)
ब्यूरो रिपोर्ट…✒️
चुरहट। जहां एक ओर प्रशासन विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने हेतु विभिन्न प्रकार की योजनाओं के माध्यम से लगातार प्रयासरत है तो वहीं एक नियम यह भी बनाया गया है कि छात्र – छात्राओं को विद्यालय अथवा महाविद्यालय तक लाने और ले जाने के लिए कोई भी बस संचालक या बस कंडक्टर मना नहीं कर सकता है। इतना ही नहीं किसी भी बस में प्रतिदिन विद्यालय या महाविद्यालय आवागमन करने वाले विद्यार्थियों से आधा किराया लिया जाएगा।
लेकिन अब धीरे धीरे एक बार फिर बस संचालक और बस कंडक्टर के द्वारा छात्र छात्राओं से आधा किराया लेने के बजाय पूरा किराया वसूला जाने लगा है। और जब कोई छात्र – छात्रा इस विषय पर अपना विरोध प्रकट करते हैं तो उनसे अभद्र व्यवहार किया जाता है और साथ ही उन्हें बस में अपमानजनक शब्द कहकर बस से उतर जाने के लिए कहा जाता है।
जहां एक ओर विद्यार्थियों को राष्ट्र का गौरव और नवयुग का निर्माता कहा जाता है, वहीं बस संचालकों और बस कंडक्टरों द्वारा उन्हें अपमानित किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा स्लोगन दिया गया है “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” और इसी विषय पर प्रशासन कार्य भी कर रही है, लेकिन! शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाने वाली छात्राओं को बस में आवागमन करते समय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बस में छात्राओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। विद्यालय या महाविद्यालय आवागमन करते समय जब भी छात्राएं बस यात्रा करती हैं तो उनसे पूरा किराया वसूला जाता है और आधा किराया देने पर उन्हें बस संचालक और बस कंडक्टरों द्वारा खूब खरी खोटी सुनाई जाती है। साथ ही अभद्रतापूर्ण व्यवहार करते हुए बस से बीच रास्ते में उतर जाने के लिए कहा जाता है।
अभी हाल ही में “कृष्णा बस” जो सीधी से रीवा के लिए जाती है, उसमें यात्रा करने वाली छात्राओं ने मीडिया को जानकारी देकर बताया कि हमेशा ही हमसे पूरा किराया वसूला जाता है और ना देने पर अपशब्द कहकर बस से उतर जाने को कहा जाता है।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस विषय पर कब तक में संज्ञान लेता है और क्या कार्यवाही करता है?