देश के अंदर विभिन्न राज्यों में अनवरत जिहादियों द्वारा की जा रही हिंदू युवकों की निर्मम हत्या व अभी तत्काल में कर्नाटक में हुई हर्षा की हत्या के विरोध में हिंदू जागरण मंच जिला सीधी के तत्वाधान में स्थानीय पूजा पार्क से गांधी चौक तक पैदल मार्च करते हुए रैली के माध्यम से हाथो में हर्षा के हत्यारों को फांसी दो, फांसी दो के बैनर हाथों में लेकर नारे लगाते हुए व भारत माता की जय, की जय जयकार करते हुए हिंदू जागरण मंच के पदाधिकारी गांधी चौक पहुंचे,और वही पर कर्नाटक के अपने हिंदू भाई के परिवार के पक्ष में अपनी आवाज को बुलंद किया और साथ ही श्रद्धांजलि अर्पित कर स्थानीय लोगो के बीच में अपनी बात को रखा।
जिसमे जिलाध्यक्ष पुनितमणि त्रिपाठी, विभाग वीरांगना वाहिनी प्रमुख श्रीमती उमा सिंह, प्रांत संयोजिका वीरांगना वाहिनी डाक्टर वर्षा गौतम, संगठन की संरक्षक श्रीमती पूनम तिवारी, जिला सोशल मीडिया प्रमुख देवेंद्र सोनी ने स्कूल में ड्रेस कोड ही चलेगा कोई हिजाब नही, अगर इस पर अपना पक्ष रखने के एवज में हर्षा की हत्या गई है यह तो घोर निंदनीय है और साथ ही ऐसी जिहादी मानसिकता को देश में रहने वाले हिंदुओ को समझने की जरूरत है!
श्रद्धांजलि सभा के अंत में बोलते हुए प्रांत संयोजक युवा वाहिनी सुमित जायसवाल ने कड़े शब्दो में कहा की अपने धर्म, संस्कृति, राष्ट्र के लिए कुछ करने और बोलने वाले मुखर राष्ट्रवादी हिंदू युवकों की आए दिन हत्याएं हो रही है, और सरकारें चुप बैठी है।
हिंदू, हिंदू धर्म, सनातन संस्कृति और इस देश के खिलाफ जहर उगलने वाले खुलेआम घूम रहे हैं, और ऐसे जिहादियों के विचारो पर प्रतिक्रिया देने वाले हिंदू संस्कृति के वाहक हिंदू संतो को तत्काल जेल में डाल दिया जाता है।
आखिर सरकारों का ये दोहरा चरित्र क्यूं, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास अर्जित करने के उत्कंठा में क्या हिंदुओ को मौत के घाट उतारा जाता रहेगा…?
लोगो को संबोधित करते हुए कहा की याद रखिए ये धर्म युद्ध है इसे हमे स्वयं की ताकत पर ही लड़ना पड़ेगा कोई भी सरकारें कुछ नही करेगी, क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया करनी ही पड़ेगी, खून का बदला खून, जिहाद का जवाब युद्ध से देना ही होगा।
वो अगर एक मारे तो तुम दस मारो, ऐसे जिहादियों के छाती पर चढ़कर तांडव करो, जिससे ऐसे कौमों की रूहे भी कांप उठे हिंदू धर्म के खिलाफ बोलने में, हमारे भाइयों की हत्या के बारे में सोचने भर से
याद रखिए इतिहास साक्षी है की हमारा धर्म हमारी संस्कृति हमारा देश तभी बचा है जब हमारे पुरखों ने युद्ध लड़ा है, हमने दुश्मनों की गर्दने काटी है, अपनी तलवारों की प्यास आक्रांताओं के खून से बुझाया है।तब आज हम हिंदू बनकर जी रहे है।
अब श्रद्धांजलि, शोक सभा बंद करके शस्त्र उठाइए हाथो में और काट दीजिए ऐसे जिहादियों की गर्दने जो हमारे हिंदू धर्म, सनातन संस्कृति के खिलाफ उठे!
अंत में सुमित जायसवाल ने रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता के साथ अपनी बात समाप्त की
की याचना नही अब रण होगा, जीवन जय या की मरण होगा।
उक्त आक्रोश प्रदर्शन व श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम में मुख रूप से सुमित जायसवाल, डॉक्टर वर्षा गौतम, श्रीमती उमा सिंह, श्रीमती पूनम तिवारी, पुनीतमणि त्रिपाठी, विनोद सोनी, एच.डी.शुक्ला, संतोष पाठक, देवेंद्र सोनी, आनंद गुप्ता, प्रकाश वर्मा, शिवम सोंधिया, विक्की त्रिपाठी, तरुण लखेरा, दुर्गा प्रसाद उपाध्याय, अजीत सिंह परिहार, संदीप पनडिया, श्रीमती पूनम सिंह, श्रीमती मीरा सिंह, श्रीमती सुलोचना पाण्डेय श्रीमती दीपाली पाण्डेय, श्रीमती उमा वर्मा, श्रीमती आरती वर्मा, श्रीमती पिंकी राजभर, नीलम वर्मा, दीपांजलि वर्मा, दिव्यानी सिंह चौहान, सिखा गुप्ता उपस्थित रहीं।