सीधी जिला में जहाँ एक और सड़कों का जाल बिछाया जाने का ढिढोरा पीटा जा रहा है वही इसके इतर कुछ क्षेत्रों की सड़कें लापरवाही की भेंट चढ़ती जा रही हैं।
सीधी में बायपास हो जाने के बाद शहरी क्षेत्र में जहाँ भरी वाहनों के आने से रोक तो लग गयी और शहर की सड़कें सुन्दर दिखाई दे रही हैं वहीँ सीधी मझौली मार्ग पर जमोड़ी तोरण द्वार से मात्र कुछ मीटर की दुरी पर बने ओवर ब्रिज और ओवर ब्रिज से सिंगरौली मार्ग पर जाने हेतु बनायीं गयी लिंक रोड के दोनों तरफ हालत बदतर हो चुके हैं।
मार्ग पर कई कई फिट चौड़े गड्ढे बन गए हैं ,इस मार्ग के मरम्मति करन का कार्य सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी जिसने सीधी से रीवा तक की सड़क और टनल बनाई है उसका है ,
किन्तु इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है हलकी सी बारिस में इस मार्ग में चलना दूभर हो जाता है बिना बारिश के भी गड्ढे इतने बड़े हो गए हैं की बड़े वाहनों के साथ छोटे वाहन चालक भी अपने जोखिम में इस मार्ग पर चल रहे हैं कभी भी बड़ी घटना हो सकती है।
किन्तु सीधी को स्मार्ट बनाने के चक्कर में कर्ताधर्ताओं को शायद इस मार्ग की सुध लेने की फुर्सत न मिल पाती हो।
सीधी से मझौली ब्योहारी मार्ग में भी कई जगह सड़क का नमो निशान नहीं मिलता ।
इसके विपरीत दिशा में सीधी से टिकरी मार्ग के तो क्या कहने।
सड़क उस प्रकार उघड़ गयी है जैसे रोटी में घी लगाने के बाद उसकी ऊपरी परत को निकल कर खा लिया जाय तो रोटी जैसी दिखती है ठीक वही हालत इस मार्ग के भी हो गए हैं जगह जगह सड़क की परतें खुल गयी हैं इस मार्ग का निर्माण भी उसी बड़ी निर्माण एजेंसी ने किया था जिसने सीधी रीवा मार्ग बनाया है।
सीधी से टिकरी मार्ग पर काफी भारी वाहनों का का आवागमन होता है और मार्ग भी कम चौड़ा है ऐसे में सड़क के जैसे हालत हैं उस से यह अनुमान लगाया जा सकता है की शायद प्रशासन किसी बड़े हादसे की उम्मीद लगाए बैठा है की कब हादसा हो और फिर इस मार्ग का मरम्मतीकरण किया जाय।
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विभाग मौन
अहिरान टोलाजाने वाली सड़क पर बना पुल
इसी मार्ग पर टिकरी से थोड़ा पहले शिकरा ग्राम में मुख्य मार्ग से अहिरान टोला जाने वाली सड़क जो शासकीय विभाग PWD द्वारा निविदा कर बनवाया गया (34.54 )लगभग चौतीस लाख की लागत से बनायीं गयी यह सड़क विभागीय लापरवाही को उजागर करती है। कोई भी अनपढ़ व्यक्ति भी इस मार्ग पर जाने के बाद यह बता सकता है की निर्माण एजेंसी और निर्माण विभाग की मिलीभगत ने ऐसी सड़क बनायीं है।
इस मार्ग पर बमुश्किल 1 किलो मीटर आगे बनी एक ढोला की पुल साधारण सी बारिस में पूर्णतः बह जाती है घटना अगस्त माह की है। यह सड़क अभी मेंटिनेंस में है उसी निर्माण एजेंसी के किन्तु सम्पूर्ण भुगतान पहले ही हो चूका है बन्दर बाँट भी कर ही ली गयी होगी।
अगस्त से लेकर आज दिनांक तक तीन माह बीत चुके हैं उक्त पुल पर मात्र मिटटी डाल कर खाना पूर्ति कर दी गयी है।
सम्बंधित उपयंत्री से फोन पर चर्चा की गयी और इस सड़क के बारे में पूछ ताछ करने पर जवाब आया की मेंटिनेंस के लिए ठेकेदार को कह दिया गया है सड़क बन जाएगी आप परेशान न हों।
साहब किसी पत्रकार को परेशानी हो या नहीं क्षेत्र की जनता को तो हो रही है आम जनता के टैक्स के पैसों की बंदरबांट कर लेने के बाद यह जवाब क्या शोभनीय है ? क्षेत्र के विधायक को शायद फुर्सत ही नहीं जब चुनाव नजदीक आएंगे तब यही ठेकेदार ही तो मदद करेंगे तो चिंता किस बात की !
उक्त सभी मार्ग के सम्बन्ध में माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी जी को ट्वीट कर दिया गया है तथा मेरी सड़क एप पर भी शिकायत दर्ज कराई गयी है।
इस एप के बारे में अक्सर केंद्रीय मंत्री सार्वजानिक मंचों से कहते नजर आते हैं की 72 घंटो में संज्ञान ले लिया जाता है और कम शुरू कर दिया जाता है। किन्तु उनका यह दावा सीधी जिले में फिसड्डी नजर आता है।