आनन्द अकेला की विशेष रिपोर्ट
भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव समय पर नहीं कराए जाने को लेकर सरकार की तरफ से कोर्ट को जवाब भेजा गया। चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर राज्य सरकार और चुनाव आयोग की ओर से हाईकोर्ट में जवाब पेश कर दिया गया है।
हाईकोर्ट में दायर दवाब में सरकार द्वारा बताया गया है कि जहां पर पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव होना है, वहां पर मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम शुरू कर दिया है। यह प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिए जाएंगे। सरकार पहले नगरीय निकाय और उसके तत्काल बाद पंचायत और अन्य चुनाव सम्पन्न कराने की तैयारियों में जुटी है।
प्रदेश की अधिकांश पंचायतों और नगर निगमों में चुनाव कराए जाना हैं। प्रदेश के लगभग सभी निगम, नगर परिषद, नगरपालिका और पंचायतों का कार्यकाल महीनों पहले पूरा हो चुका है। अधिकांश जगह तो साल भर से प्रशासक द्वारा व्यवस्था संभाली जा रही है। सरकार ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण का हवाला देकर चुनाव तीन महीने आगे बढ़ा दिए थे। इसको लेकर निगम चुनाव और पंचायत चुनाव को लेकर दो जनहित याचिकाएं हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं। शासन की ओर से अधिवक्ता कमल पैरवी कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने आयोग और शासन को सुनवाई से पहले जवाब पेश करने के लिए कहा है। पंचायत और नगर निगम क्षेत्र के तहत आने वाले मतदाताओं की सूची अपडेट की जा रही है। यह प्रक्रिया मार्च में पूरी हो सकती है। संभावना है कि अप्रैल के अंतिम पखवाड़े या फिर, मई के पहले हफ्ते में निगम चुनाव हो सकते हैं। इसी अवधि में पंचायतों के निर्वाचन भी कराए जा सकते हैं।