नेशनल फ्रंटियर
उमरिया। जिले के पंचायतों में फैले भ्रष्टाचार के मकडजाल मेें शिकायतों के बाद मामले को लीपा-पोती करने में जिम्मेदार जांच अधिकारी भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। और न ही सही जानकारी मुहैया करा रहे है। पंचायतों में बैठे करींदे शासकीय राशि तो खैरात की तरह लुटा ही रहे है साथ ही जांच के नाम पर वरिष्ठ अधिकारी भी मलाई छान रहे है। मामला पंनपथा पंचायत से जुड़ा है। जहां सरपंच ने रेत, मुरूम सहित अन्य निर्माण कार्यों के नाम पर स्वयं के खाते में भुगतान कर लिया जिसकी शिकायत बीते 21 जनवरी को की गई, जिसके बाद मानपुर जनपद के प्रभारी कार्यापालन अधिकारी को जांच सौपी गई थी। लेकिन आज दिनाक तक जांच अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाई है।
यह है मामला :
दरअसल मानपुर जनपद के अंर्तगत आने वाले पनपथा पंचायत में बाउन्ड्री वाॅल से लेकर सड़क निर्माण पंचायत के द्वारा कराया गया। जिसमें मुरूम, रेत जैसे सामग्री व परिवहन के नाम पर भुगतान स्वयं सरपंच के खाते में हुआ। दूसरी ओर स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय के निर्माण में भी सरपंच ने जमकर चाॅदी काटी। जिसकी शिकायत शिकायतकर्ता ने जिला पंचायत सीईओ उमरिया को की। मामले को संज्ञान में लेते हुए सरपंच के विरूद्ध शिकायत के जांच का जिम्मा जनपद मानपुर के प्रभारी सीईओ राजेन्द्र शुक्ला को सौपा गया।
जांच अधिकारी कर रहे गुमराह :
भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को लांघने वाले सरपंच के खिलाफ जांच का जिम्मा जिस प्रभारी सीईओ राजेन्द्र शुक्ला को सौंपा गया। वह जांच आज दिनांक तक ठंडे बस्ते में कैद होकर रह गई। खबर है कि जांचकर्ता अधिकारी द्वारा सरपंच पति के आव भगत के कारण जांच को ठंडे बस्ते में डाल दी गई। जबकि शिकायत संबंधी मामले की जानकारी लेने पर जांच अधिकारी द्वारा गोल-मोल जवाब दिया जा रहा है। सूत्रों की माने तो जांच अपने अंजाम तक नहीं पहुंची और चंद कौड़ी के दामों के फेर मेें जांच अधिकारी की जांच दम तोड़ दी।
इनका कहना है –
मैंने जांच रिपोर्ट नहीं देखी, जांच करवाकर जिला पंचायत सीईओ को सौंप दी।
राजेन्द्र शुक्ला, प्रभारी सीईओ, जनपद मानपुर