पिछले दिनों किसी एक विषय के लिए सीधी के कुछ रंगकर्मियों के साथ कोतवाली थाना अपनी मांग लेकर गए बघेली के लोकप्रिय पत्रकार ,और रंगकर्मियों के साथ सीधी पुलिस के द्वारा बदसलूकी करते हुए मारपीट कर उन सभी के खिलाफ fir दर्ज कर थाने में अर्ध नग्न कर कर बिठाया गया। जिसकी फोटो थानेदार साहब के चेम्बर में ली गयी और उसे वाइरल किया गया ।इस मामले ने देश भर में सियासत को गर्म कर दिया ।
देश भर के मीडिया जगत ने इस मामले को खूब उछाला और कहा गया कि सारे पत्रकारो को नंगा कर उनकी फोटो को वाइरल किया गया है।जबकि इसमें युट्यूबर पत्रकार और उनका कैमरामैन बस पत्रकार के नाते थे शेष लोग रंगकर्मी थे जिन्हें भी पत्रकार कह कर मामले को तूल दिया गया। जबकि वहां कोई अन्य पत्रकार के नाते से नही था ।इस मामले ने सीधी के मीडिया जगत को भी दो हिस्सों में बांट दिया है।एक धड़ा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थान का है तो वही दूसरा धड़ा युट्यूबर का है।
वास्तव में मामला कुछ इस प्रकार का है ।सीधी के एक रंगकर्मी ने फेसबुक में फर्जी id बना कर विभिन्न लोगो को टैग करते हुए सीधी विधायक और उनके पुत्र का चरित्र हनन करने का प्रयास किया गया ।ऐसा एक बार नही कई महीनों से किया जाता रहा जिससे तंग आकर विधायक पुत्र ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और कार्यवाही की मांग की गई ।
अब मामला विधायक के चरित्र हनन का था तो पुलिस ने जांच पड़ताल की और एक रंगकर्मी का नाम सामने आया ।जिसके खिलाफ कार्यवाही भी की गई ।इस कार्यवाही के विरोध स्वरूप कुछ अन्य रंगकर्मी आवेदन लेकर कोतवाली थाना गए ।इनका साथ देने सीधी के ख्यातिलब्ध बघेली समाचार यूटूबर कनिष्क तिवारी भी थाना में उपस्थित थे ।जहाँ किसी बात से नाराज होकर रंगकर्मी थाना में ही धरने पर बैठने में आमादा थे इस दौरान भी बघेली यु ट्यूबर पत्रकार रंगकर्मियों के साथ ही थे ।काफी गहमा गहमी के माहौल में जब थानेदार ने थाना के बाहर कही भी धरने में बैठने को कहा गया ।
इस दौरान भी गहमा गहमी काफी थी ।रंगकर्मी बार बार विधायक सीधी का नाम लेकर उन्हे बुलाने और उनके द्वारा किये गए कृत्यों को उजागर करने की बात करते रहे ।बात बढ़ते देख और रंगकर्मियों के अड़ियल रवैये के कारण पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा इस दौरान बघेली युट्यूबर पत्रकार गहमागहमी को शांत करने और रोड छोड़कर बैठने की बात करते दिखे इसका वीडियो भी फेसबुक में उपलब्ध है ।
पुलिस द्वारा सभी को गिरफ्तार कर थाने में बैठाया गया । पुलिस की मात्र गलती इतनी की इन रंगकर्मियों के साथ आम अपराधियों के जैसा व्यवहार किया जाकर मात्र अंतः वस्त्रों में बैठाया गया।जिसकी फोटो खींच कर वाइरल करने का आरोप पुलिस पर लगा है और यह भी कहा गया कि सभी की फोटो खींचकर विधायक सीधी को भेजी गई ।और वही से फोटो को वाइरल किया गया ।
सवाल- आपने थाने में पत्रकार व उनके सहयोगियों के कपड़े क्यों उतरवाए?
सीधी पुलिस का जवाब – 'कोई न्यूड नहीं है, सभी ने अंडरवियर पहने हुए है, कोई फांसी ना लगा ले, ये सुरक्षा की दृष्टि से कदम उठाया' pic.twitter.com/A5L0gZp5k6
— News24 (@news24tvchannel) April 7, 2022
साभार ट्विटर, न्यूज़24
इस मामले ने जहां एक ओर विपक्ष को सरकार के खिलाफ एक मौका दे दिया है सीधी कांग्रेस ने इस मौके को भुनाने के लिए सांकेतिक धरना जिला अध्यक्ष की अगुआई में दिया और तत्पश्चात ज्ञापन भी सौंपा गया।
पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार कहते हैं, ”
किन परिस्थितियों में ऐसा हुआ है, किन नियमों के तहत ऐसा किया गया है हम इसकी जांच करा रहे हैं, यदि ये नियम विरुद्ध हुआ तो हम थाना प्रभारी समेत बाकी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करेंगे.”
मामले के तूल पकड़ने पर थाना प्रभारी सीधी और अमिलिया को पहले तो लाइन हाजिर किया गया और विगत दिवस दोनों को निलंबित कर दिया गया है ।.”
विधायक शुक्ला ने कहा,
“पत्रकारों के ख़िलाफ़ कोई घटना नहीं हुई है, किसी पत्रकार ने आरोप नहीं लगाया है, वो व्यक्ति पत्रकार नहीं है, आप उसे पत्रकार न कहें. इससे ज़्यादा मैं इस मामले में कुछ भी नहीं कहूंगा.”
कनिष्क तिवारी ने स्थानीय बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ल पर पुलिस को प्रभावित करने के आरोप लगाए हैं. कनिष्क का आरोप है कि वो विधायक के ख़िलाफ़ अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से ख़बरें लिखते रहे हैं, इसलिए ही उन्हें निशाना बनाया गया है.