नेशनल फ्रंटियर उमरिया। बाघों के लिए प्रसिद्ध बाधवगढ टाईगर रिजर्व जहां हर वर्ष आग की वजहों से कई प्रतिशत जंगल जलकर ख़ाक हो जाता है, जिससे छोटे वन्यजीव तो आग के लपटों में आकर खत्म हो जाते हैं, तो वहीं कई वन्यप्राणीयो को जान बचाने के लिए परेशानी उठानी पडती है, वहीं आग बुझाने मे पार्क प्रबंधन और कर्मचारियों को भी भारी मशक्कत करनी पडती है। इसी को लेकर बाधवगढ टाईगर रिजर्व क्षेत्र मे कार्य करने वाली संस्था डब्ल्यू टी आई ने आग बुझाने के लिए 8 लीफब्लोअर और 40 जरीकेन बाधवगढ टाईगर रिजर्व प्रबंधन को दिया है। डब्लू टी आई के सदस्य पुष्पेद्र एन द्विवेदी ने बताया कि पार्क क्षेत्र मे हर वर्ष किन्ही ना किन्ही कारणो से आग लग जाती है, जिससे क्षेत्र मे वन्यप्राणीयो और वनो को नुकसान होता है। इस सामग्री से आग मे जल्द काबू पा लिया जाता है, यह आग को फैलने से रोकती है, इससे पत्तियों के द्वारा आग को विपरीत दिशा में बढ़ने से रोका जाता है। हवा के द्वारा पत्तियों को एक जगह एकत्रित कर दिया जाता है, इससे आग फैलती नहीं है, और आग बुझाने मे मदद मिले सकेगी जिससे नुकसान कम होगा और कम समय मे ही जल्दी आग पर काबू पा लिया जाएगा।