नेशनल फ्रंटियर, उमरिया। जिले के बहुचर्चित अन्तराज सिंह हत्याकांड मामले में न्यायाधीश ने चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विदित हो कि जिले के चंदिया थाना अंतर्गत ग्राम अखडार के बेलमना निवासी अन्तराज सिंह की बड़ी बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में सन 2014, 24 मार्च की रात तकरीबन 9 बजे गांव के बाहर मंदिर से अचानक कई बार पटाखे जैसे फूटने की आवाजें लोंगो ने सुनी और जब तक कुछ समझ पाते अन्तराज सिंह की गोली मारकर हत्या की जा चुकी थी। बताया जाता है कि आरोपी अभय प्रताप सिंह ने कई बार अन्तराज सिंह को मारने उसका पीछा भी किया था। लेकिन वह अपने इरादे में सफल नहीं हो पाया, इसके बाद उसने उसी के गांव अखडार में अखडार निवासी चंद्रबली साहू के घर(दुकान) में अपने 2 अन्य साथियों सहित किराये पर रहने लगा और लगातार अपने 2 साथियों को उस पर नजर रखने के लिए लगा दिया।
रैकी के बाद मौका पाकर दागी गोली :
स्थानीय लोगों की माने तो मर्डर से पहले उनकी रैकी करने के लिए आरोपी गांव में कम्बल बेचने का काम करते थे, जहां कई माह बीतने के बाद आरोपियों को जिस मौके की तलाश थी, वे उन्हें मिल गया और आरोपियों ने अन्तराज सिंह को गोली मारकर हत्या कर दी। बताया गया कि अंतराज सिंह गांव में ही स्थित मंदिर में रोज शाम को पूजा करने जाया करते थे, बाकी दिनों में कोई न कोई उनके साथ रहता था, लेकिन जिस दिन उनकी मौत हुई वे अकेले थे। जहां आरोपियों द्वारा मौका पाकर उन्हें गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। 2014 में उमरिया जिले में हुए अखड़ार-बेलमना हत्याकांड के बाद गांव में कई दिनों तक दहशत का माहौल था।
न्यायधीश ने दी आजीवन कारावास की सजा :
इस हत्याकांड में जिला सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सनत कुमार कश्यप ने मामले की सुनवाई करते हुए हत्याकांड की गंभीरता और जिरह को सुनते हुए अन्तराज सिंह की जघण्य हत्या मामले में चार आरोपी अभय प्रताप सिंह, वीरेंद्र पाण्डेय, गोरेलाल यादव व चंद्रबली साहू को भा.द.सं. 1860 के धारा 302, 201, 120 बी, सहपठित धारा 34 व आयुध अधिनियम1959 की धारा 25 (1ख) (क), 27(1) के तहत सजा सुनाई। मामले में अपराधियों को आजीवन कारावास सहित दो हजार के जुर्माने की सजा दी गई।