राजेश शर्मा
इंदौर। जैसे की कयास लगाए जा रहे थे उसी के अनुरूप प्रदेश में अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर व नगर पालिका अध्यक्षों के लिए चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। यानि नगर निगम में महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष पार्षद चुनेंगे। गौरतलब है कि तत्कालीन कमलनाथ सरकार के इस निर्णय का भाजपा ने सत्ता में वापसी के बाद इस निर्णय को बदलने के प्रयास भी किये थे।
अब इस निर्णय के आने के बाद नगरीय चुनाव बहुत दिलचस्प होने के आसार बन रहे हैं, साथ ही जब एक ही दल के जनप्रतिनिधि अपना नेता ठीक उसी तरह से चुनेंगे जिस तरह से सांसद प्रधानमंत्री चुनते हैं।
इससे विकास कार्यों को बहुत अधिक तेजी से गति मिलेगी क्यों कि महापौर या अध्यक्ष बहुमत वाले दल का होगा। लेकिन साथ ही महापौर या अध्यक्ष के चुनाव में भारी असंतोष और अंतर्कलह जैसे दृश्य भी देखने को मिल सकते हैं।