सीधी : जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष तथा वर्तमान कार्यकारिणी के बीच सदस्यता बहाली और समाप्ति का विवाद को ,माननीय उच्च न्यायलय के निर्देश के बाद राज्य अधिवक्ता परिषद् ने समाप्त करते हुए पूर्व अध्यक्ष की सदस्यता को बहाल किया गया है और निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया गया,की अधिवक्ता संघ सीधी की निर्वाचन प्रक्रिया को पुनः नवीन कार्यक्रम के अनुरूप कराया जाय।
अगर पूर्व अध्यक्ष मुनींद्र द्विवेदी अभ्यर्थी बनना चाहें तो उन्हें मौका दिया जाना चाहिए ,यद्यपि मुनींद्र के खिलाफ लगाए गए खयानत के आरोपों को पृथक से चलाने हेतु अधिकार सुरक्षित रखते हुए अधिवक्ता संघ को निर्देशित किया गया है ,मुनीन्द्र द्विवेदी पर विधिवत कार्यवाही करने हेतु अधिवक्ता संघ स्वतंत्र है।
बताते चलें की पूर्व अध्यक्ष मुनींद्र पर पूर्व के कार्यकाल में संघ में खयानत का आरोप लगाया गया था और उनकी सदस्यता को समाप्त कर दिया गया था तथा अधिवक्ता संघ में निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी थी ,जिसके विरोध में मुनींद्र द्विवेदी उच्च न्यायलय की शरण लेते हुए WP5847 याचिका दायर की थी, जिस पर निर्णय लेते हुए माननीय उच्च न्यायलय ने राज्य अधिवक्ता परिषद् को जिम्मेदारी दी ।
राज्य अधिवक्ता परिषद् ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय लेते हुए उक्त निर्णय लिया है।
मुनींद्र द्विवेदी की सदस्यता बहाल होने पर अधिवक्ता संघ सीधी के चुनाव में सारे समीकरण एक बार फिर से बिगड़ गए हैं ,अब देखना यह है की अधिवक्ता संघ सीधी के निर्वाचन में जीत का समीकरण कहा बैठता है। कौन बाजी मारेगा यह समय के गर्त में है।