विकाश शुक्ला/उमरिया। वन्य जीवों के क्षेत्र में अवैध निर्माण जीवों के रहवास के लिए बड़ी मुसीबत बनते जा रहा है, शिकवा शिकायतों के बाद भी वन अमला चुप्पी साधे हुए है। नियम और कायदों को दफ्न कर बैठे अधिकारियों को वन्य जीवों के क्षेत्र में निर्माण कार्य की दखलन्दाजी से हो रही समस्या को लेकर कोई सरोकारता नजर नहीं आ रही हैं। वहीं हाल ही में सेवानिवृत्त हुए प्रभारी उप वन संचालक के द्वारा वन विभाग के दिशा निर्देशों के विपरीत जाकर कई अनापत्ति जारी की गई हैं। जबकि दूसरी ओर फॉरेस्ट के रिटायर्ड रेंजर द्वारा नियमों की भेंट चढ़ाकर निर्माण कार्य किया जा रहा है।
आवास के नाम पर कामर्शियल निर्माण :
वन चेतना के बगल से संरक्षित क्षेत्र के बाउंड्री वॉल से सटकर फॉरेस्ट के रिटायर्ड रेंजर्स द्वारा भूमि खरीद कर कमर्शियल होटल का निर्माण किया जा रहा था, जिसका मामला प्रकाश में आने के बाद बीटीआर प्रबंधन के द्वारा पूर्व में निर्माण कार्य को लेकर कदम उठाए गए, तो निर्माण कार्य बंद हो गया था। बावजूद इसके कुछ माह के बाद सबंधित जिम्मेदार अधिकारीयों को आवास निर्माण बताकर पुनः कार्य शुरू कर दिया गया है।
अनापत्ति पर उठ रही आपत्तियां :
अंधेर नगरी और चौपट राजा की कहावत को चरितार्थ करने वाला बीटीआर के प्रशासनिक व्यवस्थाओं का आलम यह है, कि यहां अधिकारी सेवानिवृत्त होते होते भी अनियमितताओं की इबारत उपसंहार के रूप में लिख जाते हैं। मामला निर्माण सम्बन्धी अनापत्ति प्रमाण से जुड़ा है, जहां बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत वन परिक्षेत्र धमोखर में बीटीआर के अधिकारियों ने फर्जी नाम पर ट्री हाऊस बनाने की एनओसी तक जारी कर दी है। सूत्रों के जानकारी के मुताबिक दूसरे राज्य के व्यक्ति को उमरिया जिले के ग्राम महामन का निवासी बताते हुए अनुमति जारी कर दी गई है। जबकि वहां के स्थानीय ग्रामीण बताते है, की उपरोक्त व्यक्ति महामन ग्राम का निवासी नहीं है।
जाते जाते खेला कर गए प्रभारी :
बीटीआर में कई वर्षों से जमे प्रभारी उपवन संचालक ने सेवानिवृत्त होने से पहले वन विभाग के उच्चाधिकारियों और शासन को गुमराह करते हुए अपने पद का पूरी निष्ठा से उपयोग में लेकर संरक्षित क्षेत्र के बाउंड्री वॉल से 100 फुट की दूरी पर ट्री हाऊस का निर्माण करने की अनुमति दे दी। यही नहीं इसमें रेंज अफसर व एसडीओ की भूमिका भी संदिग्ध है, जिसकी शिकायत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कार्यालय में दर्ज कराई गई है। किन्तु पार्क प्रबन्धन के शीर्ष पर बैठे जिम्मेदार अधिकारी का कोर क्षेत्र से सटकर हो रहे निर्माण के ऊपर ध्यान नहीं जा रहा है। और तो और मामला संज्ञान में आने के बाद भी शिकायत को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया, जो मौन सहमति की ओर इशारा कर रही हैं। बाघों के साम्राज्य में अवैध निर्माण और निर्माण सबंधी अनापत्ति को लेकर वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश दिखाई दे रहा है, यदि प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए तो, वन्य प्रेमीयों का कहना है कि वे इसके विरुद्ध न्यायालय में परिवाद दायर करेंगे।
इनका कहना है –
मुझे ज्ञात हुआ था, मैंने जाँच के लिए भेजा है।
आलोक कुमार, पीसीसीएफ भोपाल
कार्य रुकवा दिया गया है, सबंधित व्यक्तियों को मेरे द्वारा नोटिस भी जारी की जा रही है।
मुकेश अहिरवार, वन परिक्षेत्र मानपुर