विकाश शुक्ला/उमरिया। मध्यप्रदेश के महशूर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कड़ाके की ठंड के बावजूद बाघ सफारी का जोश पर्यटकों में बरकरार है। उमरिया सहित प्रदेश शीतलहर से ठिठुर रहा हैं, लेकिन पर्यावरण व वन्यजीव प्रेमियों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। प्रदेश मे लगातार गिरते मानसून के साथ उमरिया जिले का तापमान बहुत नीचे गिरने के बाद भी पर्यटकों का हौसला बढ़ रहा है। बीते दिनों का न्यूनतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। तापमान के गिरावट के बाद पूरे जिले मे रहने वालो का जनजीवन प्रभावित हुआ, लेकिन इसका प्रभाव सैलानियों पर नहीं पड़ रहा, बड़ी संख्या में हर दिन पर्यटकों के पहुंचने से बांधवगढ़ नेशनल पार्क के सभी गेट फुल ही चल रहे हैं। वहीं जंगल के खुशनुमा माहौल ने नये साल का जश्न मनाने ऑन लाइन सभी टिकिट पर्यटकों ने एडवांस में बुक करा लिए हैं। तश्वीर बांधवगढ़ से आई है, जहां सुबह सूर्योदय के हल्की किरणें बर्फ की एक परत जमी हुई चादर पर पड़ते ही आकर्षित कर रही है। लिहाज़ा इस प्राकृतिक का आनंद पर्यटक नहीं छोड़ना चाहते, वे भी इसका लुत्फ उठा रहे हैं। भले ही विंड चिल के कारण मोटी जैकेट और मफलर का उपयोग कर, मॉर्निंग सफ़ारी में तक़रीबन आधे घण्टे की देरी से पर्यटक पहुंचते जरूर हैं।
सफारी में नजर आ रहा बाघों का कुनवा :
कड़ाके की ठंड ने बांधवगढ़ के जंगल की खुबसूरती बढ़ा दी हैं। पर्यटकों को जंगल की सैर के दौरान हर तरह के वन्यप्राणी दिखाई दे रहे हैं। नीलगाय, बारागौर (बायसन), लकड्ड बघ्घा, मोर, चीतल का झुंड सहित वन्य प्राणी बड़ी संख्या में पर्यटकों को दिख रहा हैं। आमूमन बांधवगढ़ के कोर क्षेत्र में बाघों का कुनवा पर्यटकों को रोमांचित कर रहा है, जहां ताला जोन में कजरी फीमेल, स्पॉटी व उसके 3 शावक नजर आ रहे हैं, तो वहीं मग्धी में डॉटी व उसके 4 शावक, डाभाडोल बाघिन 2 शावकों, खितौली गेट में पर्यटकों को दर्रहा बाघिन 3 शावक के साथ पर्यटकों को रोमांचित कर रही है। जबकि महामन बच्ची 3 शावकों के साथ व छोटा भीम (मेल टाइगर) वन्यजीव प्रेमियों को नजर आ रहे हैं।
ठण्ड से राहत पाने सटकर बैठते हैं वन्यजीव :
सुबह सफारी कर रहे पर्यटकों को कोहरे व ओस के बीच जंगल में चमकता सूरज नजर आ रहा है। जल स्त्रोत के आसपास वन्यजीवों की मौजूदगी पर्यटकों को खासी लुभाती है, बाघों के साम्राज्य में बढती ठंड भी बाघ दीदार के लिए पर्यटकों की भीड़ को नहीं रोक पा रही। जानकारों की माने तो मांसाहारी जीवों के लिए ठण्ड में उतनी तकलीफें नहीं होती, हालांकि इसमें शाकाहारी वन्यजीवों की ठण्ड से मुश्किलें बढ़ती हैं, लिहाज़ा ठण्ड से बचाव के लिए छोटे जीव बिलों का सहारा लेते हैं, जबकि बड़े तबके के वन्यजीव जैसे हिरण झुंड में एक दूसरे से सटकर बैठते हैं।
जश्न मनाने पहुंच रहे पर्यटक :
पर्यटक परिवार व दोस्तों के साथ क्रिसमस व नये साल की छुट्टियों का लुत्फ उठाने व जश्न मनाने बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व पहुंच रहे हैं। इस बीच एक मायूसी की ख़बर उनके लिए होगी, जो नये साल की छुट्टियों का लुत्फ उठाने बिना बुकिंग पहुंचने वाले होंगे, उनमें से कुछ पर्यटकों को जंगल की सैर करने जगह मिलना मुश्किल होगा। वहीं जिन्होंने पहले से बुकिंग करा रखी होगी वे बड़े आनंद के साथ बांधवगढ़ में प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों का नजारा देख सकेंगे।
इनका कहना है :-
ठण्ड से ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, ठण्ड से बचाव के लिए वन्यजीव झुण्ड में सटकर बैठते हैं। ठण्ड के कारण सैलानियों में कोई कमी नही आई है, बल्कि लोगों का उत्साह बढ़ा है।
– लवित भारती, संयुक्त संचालक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व