नेशनल फ्रंटियर, उमरिया। खेतों में खाद, पानी, जुताई, बुआई और कीटनाशक के छिड़काव के काम में 22 विद्यार्थी ऐसे रमे कि अब उन्होंने कृषि के क्षेत्र में ही करियर बनाने का मन बना लिया है। उमरिया जिले में आये जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के 22 छात्राओं को किताबी ज्ञान के बाद खेतों में काम करने भेजा गया। छात्रा सुरभी, आशा कुमारी, साक्षी, श्रेयशी व निकिता ने बताया कि उन्होंने न सिर्फ परंपरागत खेती के तरीकों को सीख रही हैं, बल्कि उन्हें ग्रीन हाउस, पॉली हाउस, मिट्टी परीक्षण, प्रसंस्करण आदि के उन्नत तरीकों से भी अवगत कराया जा रहा है। आज बुधवार को कृषि उपज मंडी समिति प्रांगण में बीएससी चतुर्थ सेमेस्टर रावे (रूरल एग्रीकल्चर वर्क एक्सपीरियंस) यानी ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव के छात्रों को कृषि सबंधित जानकारी दी गई। जेएनकेवीवी की छात्राओं ने बताया कि उन लोगों को 6 माह के लिए विश्वविद्यालय की ओर से ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव के लिए उमरिया जिले के क्षेत्रों में कृषि सबंधित जानकारी के लिए भेजा गया हैं। कार्यक्रम सहायक कुंदन मुवेल ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों को कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा छात्रों को मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का भ्रमण कराकर जानकारी दी गई। इसमें ग्रामीण कृषि से सबंधित कार्य की जानकारी बताई जा रही है। कृषि उपज मंडी के मृदा प्रयोग शाला प्रभारी शत्रुघन तिवारी ने छात्राओं को मृदा स्वास्थ्य पत्रक तैयार करने की जानकारी दी। वहीं लैब टेक्नीशियन समीर श्रीवास्तव ने जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय के छात्राओं को मृदा के सेम्पलिंग, सेम्पल प्रोशेशिंग और सेम्पल एनालिसिस करने के तरीकों से अवगत कराया।