नेशनल फ्रंटियर/उमरिया। कुछ वाक्या ऐसा हो जाता है, जो लोगों के लिए चर्चाएं बन जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ जिले में जहां एक व्यक्ति कोविड संक्रमित हो गया, उसके बाद जब उसे लेने कोरोना योद्धा पहुंचे तो उन्हें वह बैरंग वापिस यह कहकर लौटा दिया कि उसे साथ ले जाने का लिखित फ़रमान दिखाना होगा। जिसके बाद वह उनके साथ चल सके, जिस वजह से संक्रमित व्यक्ति को लेने पहुंचे दल को वापिस आना पड़ा। मामला उमरिया जिले के कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी संजीव श्रीवास्तव को मालूम पड़ा तो वे संक्रमित व्यक्ति को लेने स्वयं उसके पते पर पहुंच गए। और उसे संस्थागत में आइसोलेटेड करने के लिए लाया गया।
कलेक्टर पहुंचे लेने :-
जिले के नौरोजाबाद नगर के वार्ड नंबर दो में बीते दिन 21 अप्रैल की दोपहर कोरोना संक्रमित मरीज को संस्थागत आइसोलेट करने के लिए पुलिस और राजस्व का संयुक्त अमला लेने पहुँचा, तो कोविड संक्रमित मरीज ने उन्हें बैरंग लौटा दिया। आमतौर पर काउंसिलिंग करने के बाद मरीज स्वास्थ्य महकमे के साथ चलने के लिए राजी हो जाते है, पर उक्त संक्रमित मरीज ने पुलिस और राजस्व के संयुक्त अमले से उसे साथ ले चलने के आदेश माँग लिया और साथ न चलने के लिए अड़ गया। जब यह मामला कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री श्रीवास्तव के संज्ञान में आया। तो इसके पश्चात कलेक्टर ने गत दिवस 5 बजे एसडीएम नेहा सोनी सहित पुलिस और राजस्व के संयुक्त दल बल के साथ उक्त मरीज को लेने पहुँच गए, और वह स्वास्थ्य अमले के साथ संस्थागत आइसोलेट होने के लिए चल दिया।
ऐसा करना पड़ सकता था भारी :-
जिस तरह से कोरोना संक्रमित व्यक्ति के द्वारा किया गया, इससे यह कृत्य उसके जान पर भारी पड़ सकता था। जिसे लेकर जानकारों का कहना है कि यदि कोविड 19 के लक्षण दिखते हैं य फिर वे पॉजिटिव होते हैं तो इसमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए क्योंकि सही समय पर इलाज न मिलने पर यह कई बार शरीर के लिए घातक साबित हो जाता है, और व्यक्ति मर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि वह नियमों का पालन करें और चिकित्सकों के सम्पर्क में रहकर इलाज कराएं। इससे वे और उनका परिवार साथ ही समाज भी सुरक्षित रह सकेगा।