सीधी
जिला परिवहन कार्यालय सीधी में इन दिनो लूट मची हुुई है। लाइसेंस बनवाने से लेकर अन्य कामो में मानमानि घूस ली जा रही है ।
घूस को अधिकार समझ कर लिया जा रहा है ।ना देने पर फाइल दबा दी जाती है ।यही हाल फिटनेस के दौरान भी देखने को मिलता है । जब घूस की मोटी रकम लेकर वाहन का फिटनेस दिया जा रहा है ऐसी स्थिति में आम जन कितना सुरक्षित होगा विचारणीय है।
परिवहन कार्यालय में कार्य करने वाले एजेंट बाबुओं के इस रवैये से खासे परेशान है और आम जनता का हाल बेहाल है ।
बाबुओं की इस मनमानी को खत्म करने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री ने लाइसेंसिंग की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया था जिस से दलाली प्रथा का अंत होता किंतु इस दिशा में जिला प्रशासन अभी तक मौन है ।बाबुओं ने पैसों की उगाही के लिए अलग से कर्मचारी लगा रखे हैं कुछ बाबू ऐसे भी हैं जो अपने कक्ष में खुले आम घूस लेते हैं ।घुस न देने पर फाइन के रूप में काम बाधित किया जाता है।
संभवतः जिला परिवहन अधिकारी की भी मौन स्वीकृति इन सब कामो में है तभी तो कार्यालय के लिपिकों की मनमानी चरम पर है ।नोट शीट लिखने मात्र के हजारों रुपये डकार लिए बिना हजम कर लिए जाते हैं,जिससे वाहन मालिकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।लेकिन मजबूरी काम करवाना है तो देना तो पड़ेगा ।बाबुओं की मनमानी का एक कारण यह भी है कि कई वर्षों से एक ही जगह पर डटे हुए हैं कभी रसूख के दम पर तो कहीं पैसों के दम पर ।इस स्थिति से आम जन को छुटकारा कौन दिलाएगा ?????
यहां घुस का अलग अलग रेट निर्धारित है फिटनेस का अलग, noc दर्ज करने का अलग ,परमिट का अलग, हर काम का अलग रेट ।
लोकायुक्त और इनकम टैक्स विभाग अगर स्वतः संज्ञान लेकर कार्यवाही करे तो कुछ हजार की नौकरी करने वाले बाबुओं की करोड़ो की आय का पता चल जाएगा ।