नेशनल फ्रंटियर, उमरिया। जिले में निर्वाचन कार्य में सस्पेंड और बहाली का एक मामला सामने आया है, जिसमें डीएफओ की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। डीएफओ के लापरवाही का नतीजा वन क्षेत्रपाल को भुगतना पड़ा, हालांकि जिला कलेक्टर ने बाद में वन क्षेत्रपाल को बहाल कर दिया। लेकिन जिस तरह से डीएफओ द्वारा उदासीनता बरती गई, उस पर फ़िलहाल कोई कार्यवाही नहीं हुई। मामला चंदिया वन क्षेत्रपाल से जुड़ा है, जहां वन क्षेत्रपाल योगेंद्र तिवारी अवकाश में गए हुए थे, साथ ही वन परिक्षेत्र चंदिया का सम्पूर्ण प्रभार धीरेन्द्र सिंह उपवनक्षेत्रपाल को सौंपा गया था। त्रि-स्तरी पंचायत निर्वाचन हेतु गठित किये गये मतदान दलों के पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी क्रमांक 1 का प्रथम प्रशिक्षण आयोजन कर कर्मचारियों की सूची वनमण्डलाधिकारी वनमण्डल उमरिया की ओर भेजी गई, और वन कर्मचारियों को उपस्थित होने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर उमरिया ने निर्देशित किया। लेकिन कलेक्टर उमरिया को डीएफओ उमरिया द्वारा अपने पत्र में लेख कर कहा गया, कि योगेन्द्र तिवारी वनक्षेत्रपाल वन परिक्षेत्राधिकारी चंदिया बिना सक्षम अधिकारी के अवकाश स्वीकृत के दिनांक 23 मई 2022 से शासकीय कार्य से अनुपस्थित है। इसे संज्ञान में लेकर कलेक्टर ने 4 जुलाई को वन क्षेत्रपाल को निलंबित कर दिया। जहां 7 जुलाई को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर लेख किया गया, कि वे वन परिक्षेत्र का सम्पूर्ण प्रभार धीरेन्द्र सिंह उपवनक्षेत्रपाल को सौंपकर अर्जित अवकाश पर गये थे। प्रस्तुत किये गए आवेदन पत्र में अपना पक्ष रखते हुए, निलंबन से बहाल किये जाने का अनुरोध किया गया। जिसमें प्रस्तुत आवेदन पत्र पर सहानूभूति पूर्वक विचार करते हुये उन्हें निलंबन से बहाल कर दिया गया। कलेक्टर ने भले रेंजर का पक्ष जानकर उन्हें बहाल कर दिया, लेकिन यदि डीएफओ इस मामले में कलेक्टर उमरिया को भेजे गए पत्र में यह कि वन क्षेत्रपाल बगैर सूचना के अनुपस्थित हैं, का उल्लेख न करते तो, रेंजर को इसका खामियाजा नहीं भुगतना पड़ता। डीएफओ के इस लापरवाही ने रेंजर के सीआर को भी दागदार कर दिया। जिसे डीएफओ मिस कम्युनिकेशन का अमली जामा पहना रहे हैं।
ये बोले डीएफओ :
अवकाश पर गए हुए थे, लेकिन आचार संहिता लगने के बाद अवकाश समाप्त हो जाती है। लापरवाही नहीं कहेंगे, मिस कम्युनिकेशन था, फ़िलहाल सहानुभूति के तौर पर कलेक्टर सर ने बहाल कर दिया है, उनका स्थानांतरण भी हो गया है, दो दिनों बाद उन्हें रिलीव कर दिया जाएगा।
– मोहित सूद, डीएफओ, वन मण्डल (सामान्य) उमरिया