विकाश शुक्ला/उमरिया। जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर चंदिया तहसील का एक ऐसा गांव, जहां कि ग्रामीण बिजली विभाग के दफ्तर मे घरने पर बैठ गये। लगभग एक माह से जले ट्रांसफार्मर को लेकर गांव के किसान जिला मुख्यालय के बिजली विभाग के दफ्तर की ओर मुंह कर धरने पर बैठ गये। गांव वालो ने बताया कि बिजली विभाग के उदासीन अधिकारी कर्मचारियों की अनदेखी के बाद जिला प्रशासन से भी ट्रासफार्मर बदलने की मांग की गई, जिससे अच्छे से खेती हो जाए, लेकिन कही भी सुनवाई ना होने से परेशान अन्नदाताओं को मज़बूरन धरने का रास्ता अपनाना पड़ा। अतएव पीड़ित किसान धरने पर बैठ गए।
सरकारी दावों को खोखला साबित कर रहा विभाग :
वैसे केंद्र सरकार से लेकर मध्य प्रदेश के मुखिया और ऊर्जा मंत्री लगातार अपने आप को किसान हितैषी सरकार साबित करने मे लगे है, लेकिन किसानो की परेशानी को देखकर सभी वायदे और किसान हितैषी के दावे खोखले ही नजर आ रहे है। जब गेंहू की बुबाई होना है, और माह भर से अधिक समय के कारण जले ट्रासफार्मर की वजह से बिजली ना मिले तो किसान का परेशान होना लाजमी है। ऐसे में सरकार के दावों को उदासीन बिजली विभाग के कर्मचारी ही खोखला साबित करने आमदा हैं।
समाधान के लिए टिकी आस :
आमूमन प्रदेश के मुख्यमंत्री सभाओ मे मंच के माध्यम से अपने आप को बच्चीयो के मामा बोलते है, इस लिहाज से मुखिया की बहने और उनके घर के लोग बिजली की समस्या से परेशान हो तो विभाग और प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही सामने आ ही जाती है। ग़ौरतलब है कि किसानो के धरने पर बैठने के बाद कितनी जल्द समस्या का समाधान होगा, इस पर उम्मीद टिकी है।