नेशनल फ्रंटियर ब्यूरो
उमरिया। बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगली हाथियों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है, टाइगर रिजर्व से सटे बफर व कोर जोन में जंगली हाथियों का आतंकी मंजर जारी है, जिसके चपेट में किसान से लेकर ग्रामीण आ रहे हैं। लगभग 6 माह पहले मानपुर क्षेत्र में जंगली हाथी ने किसान के खेत मे घुसकर उसे कुचलकर मार डाला था तो वहीं दूसरी घटना बीते शनिवार को हुई जहां बीटीआर के पनपथा कोर क्षेत्र से लगे गांव हरदी की रहने वाली लगभग 51 वर्षीय ललती बाई अपने पति के साथ जंगल झाड़ू काटने और लकड़ी लेने गई थी जहां जंगली हाथियों के झुंड ने ललती बाई को घेरकर उसे मौत के घाट उतार दिया, जिसके बाद पति जंगल से अपनी जान बचाते हुए भागकर आया और स्थानीय लोगों को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद ग्रामीणों ने जंगल विभाग को इसकी जानकारी दी। जंगल विभाग की मदद से कोर क्षेत्र से महिला के शव को बाहर लाया गया, जिसके बाद पोस्ट मार्टम कराकर रविवार को मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
हुआ हादसा :
दरअसल झाड़ू बनाकर अपना जीविकोपार्जन करने वाली 51 वर्षीय ललती बाई अपने पती के साथ जंगल झाड़ू काटने गई थी, जहां झाड़ू काटकर वापस घर लौट रही थी तभी जंगली हाथियों के झुण्ड ने उसे घेर लिया, पति उल्टे दिशा में भागकर किसी तरह अपनी जान बचा लिया लेकिन ललती बाई जंगली हाथियों के शिकंजे में आ गई, और हाथियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया।
पति ने दी जानकारी :
मृतक महिला का वृद्ध पति जंगल से भयभीत अपने घर पहुंच अपने आस पास लोगों को जानकरी दी कि उसके पत्नी को हाथियों ने मार डाला अब वह नहीं बच पाई, जिसके बाद कुछ ग्रामीण इकट्ठे होकर जंगल विभाग को जानकारी दिए जहां जंगल विभाग के परिक्षेत्र अधिकारी व कर्मियों के मदद से ग्रामीणों ने घटना स्थल से ललती बाई के शव की बरामदगी की जहां रविवार को पीएम कराकर महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
दहशत में ग्रामीण :
इस विभत्स घटना के बाद कोर क्षेत्र से लगे गांवों सहित हरदी गांव में निवासरत लोग दहशत के साये में जी रहे हैं, ग्रामीणों का कहना है कि शासन प्रशासन को इस ओर कोई ठोस कदम उठाना चाहिए, नहीं तो इसी तरह जंगली हाथी एक के बाद एक लोगों को मौत के घाट उतारते रहेंगे।
बर्बाद होती फसल :
जंगली हाथियों के आतंक के कारण कई गांव के किसानों के धान की फसल हाथियों ने बर्बाद की, लेकिन सूत्रों की माने तो उन्हें किसी तरह का मुआवजा नहीं मिला। वहीं अब फसल के तबाही के बाद जंगली हाथी लोगो को भी अपना निशाना बना रहे हैं। लगभग 6 माह पहले जंगली हाथियों के झुण्ड से निकलकर एक हाथी किसान के खेत मे जाकर उसे कुचलकर मार डाला था जिसके बाद जिले की यह दूसरी घटना है।
मुआवजा तक सीमित अधिकारी :
जिस तरह से दूसरे प्रदेश से बीटीआर क्षेत्र में हाथियों के झुण्ड ने अपना पैर पसारा है, उससे अन्य जंगली जीवों में खलल तो हुआ ही है, उसके बाद अब जंगली हाथियों का आतंक मनुष्यों के जीवन मे भी खलल डाल रहा है, लेकिन वन विभाग के अधिकारी कोई ठोस तरीका अपनाने की बजाय मुआवजा बांटने तक सीमित हैं। यदि समय रहते इन जंगली हाथियों के लिये कोई बेहतर तरकीब नहीं सुझाई गई तो इनका आतंक बढ़ता चला जायेगा जो भविष्य के लिए खतरा है।