सम्पूर्ण प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं प्रारम्भ हो चुकी हैं। अभी तक प्रदेश भर में परीक्षा शांति पूर्ण ढंग से संचालित भी हो रही हैं किन्तु छात्रों की परेशानियां अभी भी बनी हुयी हैं। जहाँ एक तरफ परीक्षा का तनाव है तो वही दूसरे तरफ शादी विवाह का उत्साह ,यह वैवाहिक उत्साह परीक्षार्थियों के लिए सर का दर्द बना हुआ है।
विवाहिक उत्सवों में बजने वाले ढोल नगाड़ों और ध्वनि विस्तारक (DJ ) में बजने वाले फ़िल्मी गाने विद्यार्थियों का ध्यान भटकने के साथ मानसिक पीड़ा देने वाले साबित हो रहे हैं।यद्यपि विगत चार वर्षों से DJ प्रतिबंधित किया गया है उसके बाद भी आये दिन शादियों में और अनावश्यक रूप से ग्रामीण अंचल में मनचलों के द्वारा DJ पर तेज आवाज में गाने बजने का चलन सा हो गया है। DJ के कानफाडू संगीत को रोकने वाला कोई नहीं। यह संगीत कई किलोमीटर तक सुनाई देता है जिस से बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अत्यधिक शोर में न विद्यार्थी सही तरीके से पढ़ पा रहे हैं न चैन से नींद पूरी कर पा रहे। प्रशासन इस दिशा में उदासीन बना हुआ है।
छोटी छोटी बातों में नोटिस देने वाला प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड भी अपने कान में रुई डाले बैठा है। प्रशासनिक अधिकारीयों को इस विषय में चिंतित नहीं देखा जा रहा। DJ में बजने वाला कान फोड़ू संगीत निर्धारित डेसीबल से ज्यादा है जो विद्यार्थियों के साथ साथ बच्चो और बुजुर्गों के लिए भी हानिकारक है। शहर के साथ साथ ग्रामीण जन भी इस समस्या से जूझ रहे हैं किन्तु कोई कुछ कर नहीं पा रहा। अब भगवान जाने कब प्रशासन अपने कान से रुई निकलेगा और कब इस दुर्दांत समस्या से छुटकारा मिलेगा।