सीधी
सीधी में प्रभारी मंत्री के कार्यक्रम स्वीकृत होते ही कयास लगाए जा रहे थे कि सीधी भी लोक डाउन होगा । हुआ भी आज के आने अल्प प्रवास में प्रभारी मंत्री ने बिना मास्क लगाए प्रेस वार्ता में (यद्यपि मास्क था लेकिन उनकी ठुड्डी पर) पत्रकारों के प्रश्नों का जवाब देते हुए सीधी जिले में 10 दिवसीय लोक डाउन की घोषणा की । हालांकि क्या दस दिनों के इस ताला बंदी से कोरोना संक्रमण में कुछ कमी आएगी इसपर वह कहने से बचते रहे।
वही एक पत्रकार के प्रश्न पर की दमोह में कोरोना संक्रमण की गति धीमी क्यो है इस पर भी जवाब देने से बचते रहे माननीय।
जाते जाते 10 दिनों का लोक डाउन दे गए ।न दूरदर्शिता न रोकथाम की व्यवस्था बस जल्दी लगी थी बंद करने की ????
क्या उन्होंने स्पस्ट किया किस प्रकार बच सकते हैं ।
एक विशेषज्ञ डॉक्टर की माने तो पूरे भारत मे जिस प्रकार के मास्क उपयोग किये जा रहे हैं उनसे कोरोना जैसे विषाणुओं को रोका नही जा सकता ऐसी बाते भी सामने आ रही हैं ।
भारत भर में उपयोग होने वाले मास्क में अधिकतर सूती कपड़े के डिजाइनर मास्क हैं जो स्टेटस सिंबल की तरह उपयोग हो रहे हैं , जो हम सब भी उपयोग कर रहे हैं या सर्जिकल मास्क (नीला वाला )
क्या सीधी का कोई भी डॉक्टर इन मास्क को प्रमाणित कर सकता है कि ये मास्क कोरोना से बचने में उपयोगी हैं ,रही बात n95 मास्क की तो इस नाम से भी बड़ी बड़ी कंपनियों ने नकली मास्क बाजार में उतार दिए हैं जो कोरोना जैसे विषाणुओं को रोकने में अक्षम हैं ।
कोरोना का विषाणु125 नैनो माइक्रोन से भी छोटा है जबकि हम जो मास्क उपयोग कर रहे हैं वो और यहां तक कि तौलिये से भी 3 से 4 परत ढकने के बाद भी हम कोरोना के विषाणुओं को रोकने में सक्षम नही ।फिर मास्क न लगाने पर चालान किस बात का ??? क्या कोई इस बात को झुठला सकता है ।
हा मास्क लगाने से हम सिर्फ पर्यावरणीय प्रदूषण से कुछ हद तक बच कर अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं ।इस बात पर यह मास्क कारगर हैं धुंआ धूल आदि से बचाने में लेकिन कोरोना जैसे विषाणुओं से नही।
रही बात n95 मास्क की तो उसके लगातार उपयोग से भी हमे कई बीमारियां हो सकती हैं ये कोई नही बताता ,इस बात को छोड़ दीजिए असली n95 मास्क बाजार में नही जबकि उसके नाम पर नकली मास्क की कालाबाजारी हो रही इस ओर किसी का ध्यान नहीं।
कालाबाजारी सिर्फ मास्क की नही, मास्क में तो अंतर देखना है तो सर्जिकल मास्क जो सीधी के बाजार में 10 रुपये का है वह थोक में 1 रुपये में आ रहा है उसपर 9 रुपये का फायदा लेकर इन्ही डॉक्टरों के व्यतिगत क्लिनिक के बाहर बिक रहा है किसी को फुरसत हो तो पता करे ।
जो दवा दुकानदार2020 फरवरी तक मात्र साल भर में 1 लीटर मुश्किल से सेनेटाइजर बेच पता था इस दौर में उसने दवाओं से ज्यादा तो सेनेटाइजर में कमाई की आखिर ऐसा क्यों ???
खैर इस तरफ न जा कर अगर विभिन्न समाचार माध्यमों में बड़े बड़े अधिकारियों और मंत्रियों के मास्क पर गौर करें तो उनके पास भी सही मास्क नही तो ,,,,,,,समझ सकते हैं!!!!
बड़े बड़े स्वास्थ संस्थान में प्रवेश के पूर्व या प्रवेश के बाद मरीज उसके परिजन और डॉक्टर के लिए मास्क वो भी n95 खरीदना अनिवार्य है जो उस हॉस्पिटल के काउंटर से खरीदा ही मान्य है बाहर का नही विडंबना है की वहाँ भी असली मास्क उपलब्ध नही लोक डाउन करने की घोषणा मात्र से बाजार में खाद्य पदार्थों के दामों में उछाल देखा जा रहा है कि किराना दुकान दार इसमे भी अवसर देख रहे हैं ,
बाजार में सर्वाधिक बिकने वाले पान मसाला के दाम पिछले कोरोना काल मे जहां अंतिम जून तक शतक पार हुए थे वह आज हुई लॉक डाउन की घोषणा के साथ ही अर्धशकत कि ओर अग्रसर हैं सीधी से सटे ग्रामों में इसका ज्यादा असर देखने को मिला है ।
हालांकि पान मसाला, गुटका,कफ सिरप, अवैध शराब ,इत्यादि स्वास्थ के लिए हानिकारक है इस स्थिति में इसे बैन करना ही लाभकारी है और बेचने वाले पर अधिकतम हर्जाना भी होना चाहिए ।
अवैध पैकरीं ने दामों में इजाफा करना शुरू कर दिया है मूक समर्थन ठेकेदारों का भी है जिसे बंद ही करना चाहिए और कार्यवाही ठेकेदार पर होनी चाहिए ।
इस स्थिति में जनता का स्वास्थ्य जनता के हांथ में है ,जनता में जानकारी का अभाव है ,अभी भी जनता में बहुत बड़ी संख्या में लोग अभी भी कोरोना को गंभीरता से नही ले रहे ।
वास्तविकता में लोक डाउन से ज्यादा अच्छा जन जागरूकता फैलाना आवश्यक था जो प्रशासन ने नही किया बस देखा देखी ताला बन्दी एक मात्र विकल्प क्या यह सही है ??????इसी प्रश्न को आप सबके समक्ष छोड़ते हुए।।।।।।
ये जानकारी भ्रामक है या नही आप स्वयं निर्णय लें????