उमा शंकर तिवारी (नेशनल फ्रंटियर)
सीधी। सीधी कांग्रेस द्वारा कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसानों के समर्थन में पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने जमकर हल्ला बोला। उन्होंने प्रदेश के अधिकारियों और पुलिस प्रशासन को सख्त चेतावनी दी कि कांग्रेस नेताओं के खिलाफ पक्षपात रवैया अपनाना छोड़ दें।
बुधवार के सीधी के गांधी चौराहा स्थित पार्किंग में मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने किसानों के समर्थन में आयोजित किसान सम्मेलन में जमकर हल्ला बोला। पूर्व मंत्री ने देश की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि झूठ बोलो, जोर से बोलो और झटपट बोलों यही भाजपा की रीति नीति हैं। केंद्र की मोदी सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि पहले देश से बोला कि सभी को 15 लाख देंगे, देश में हर वर्ष दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देंगे। पर उन्हें रोजगार तो नहीं मिला हां भाजपा नेता जरूर मालामाल हो गए। मोदी सरकार द्वारा लगाई गई कर प्रणाली जीएसटी पूरी तरह से फेल हैं। आज राज्यों को अपने ही पैसे के लिए केंद्र की ओर नजर लगाएं रहना पड़ता है।
किसानों के समर्थन में बोलते हुए पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि नया कृषि कानून ऐसा कानून है जिसमें रेट व्यापारी तय करेंगे। आने वाले समय में भाजपा नेता तय करेंगे कि कौन सी फसल बोनी है। आज देश का किसान सम्मान निधि की दिखावटी राशि नहीं चाहता। उसके लिए तो असली सम्मान निधि है कि खेतों में उसके द्वारा उगाई गई फसल को सही समर्थन मूल्य मिले। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि आज हमारी छत्तीसगढ़ सरकार पूरे देश में धान में सबसे अधिक समर्थन मूल्य 25 रुपये प्रति किलो पर खरीद रही है।
प्रदेश की शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि आज मामा किसानों के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। पर याद करिए जब मंदसौर में मामा ने किसानों के सीने में गोलियां चलवाई थी। हमारी कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले किसानों का कर्जा माफ किया। कुछ किसानों के तो दो लाख रुपये तक माफ हुए। मैं इसका प्रत्यक्ष गवाह हूं। पर आज कर्जा माफी के नाम पर बरगलाया जा रहा है। पहले एक सप्ताह के अंदर खराब ट्रांसफर बदल दिए जाते थे कि किसानों को सिंचाई के लिए नुकसान न हो पर शिवराज सरकार को तो बिजली के दाम बढ़ाने की चिंता हैं। कमलनाथ सरकार में 100 यूनिट बिजली पर 100 रुपये का बिल आता था पर अब शिवराज की सरकार पर देख लीजिए कितना बिल आ रहा है। किसानों को अपने गांव में भाजपा नेताओं को घुसने से पहले पूछना चाहिए कि दिल्ली का किसान क्यों आंदोलन कर रहा है। अगर हम आज भी नहीं जागे तो आने वाले वक्त में 70 प्रतिशत किसान बेरोजगार नहीं होगा। आज बीजेपी-कांग्रेस को बचाने का नहीं बल्कि देश की बात है। कांटैक्टर फार्मिंग के नाम पर मशीनी खेती की शुरूआत की जा रही है जिससे देश में किसान नहीं सिर्फ मजदूर बचेंगे।
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा प्रदेश के अधिकारी को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारें आती जाती रहती है पर उन्हें किसी के इशारे पर काम नहीं करना चाहिए। थानेदार न्यायिक प्रक्रिया के तहत काम करें। भाजपा नेताओं के इशारे पर काम करना छोड़ दें। उन्होंने जिला प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक दिन पूर्व भाजपा नेताओं के कार्यक्रम को छूट दे दी। उस कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ यहां के जिला प्रशासन को नहीं दिखी। पर हमारे साल में एक वर्ष में आने वाले धर्म पर आने वाली भीड़ से खतरा दिख रहा है। क्या हम अपना धर्म और त्योहार भी मनाना छोड़ दें। जिला प्रशासन ने आखिर किसके इशारे पर मेले में रोक लगाई और क्यों रोक लगाई जब भाजपा के कार्यक्रम को छूट मिल सकती है तो मेले को भी मिलनी चाहिए।
किसानी रंग में नजर आए पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल
किसानों के समर्थन में पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल किसानों के रंग में रंगे नजर आए। सीधी शहर की सीमा में उन्होंने स्वयं ट्रैक्टर चलाकर प्रवेश किया। कांग्रेस के इस हल्ला बोल कार्यक्रम में 1000 से अधिक ट्रैक्टरों ने सीधी में किसानों के समर्थन में रैली निकाली। सीधी में यह पहला मौका था जब एक साथ किसी भी आंदोलन में 1000 से अधिक ट्रैक्टरों ने एक साथ एक बैनर के तले इस तरह का प्रदर्शन किया हो।