सुभाष कुमार पाण्डेय (गुरू भाई)
चुरहट
शासकीय कृत्रिम गर्भाधान केंद्र चुरहट के चारों ओर वेस्टेड मेडिसिन बिखरी हुई पड़ी रहती है, जिसका प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा सही तरीके से निस्तारण नहीं किया जा रहा है। अतएव कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है।
शासकीय कृत्रिम गर्भाधान केंद्र चुरहट के वरिष्ठ चिकित्सक के द्वारा तथा अन्य कर्मचारियों के द्वारा कोई भी विशेष ध्यान न दिए जाने के कारण शासकीय कृत्रिम गर्भाधान केंद्र चुरहट के दीवारों के चारों ओर बाहर की तरफ वेस्टेड मेडिसिन फेंकी गई है, साथ ही एक्सपायरी डेट की दवाइयां, वेस्टेड इंजेक्शन और पट्टियां एक जगह रख कर जलाने का प्रयत्न भी किया गया है परंतु! कांच की शीशीयों में जो दवाइयां होती हैं वह ना तो जल पाई और ना ही किसी प्रकार से नष्ट हो पाई है।
विभिन्न प्रकार के रसायनों से एलोपैथिक दवाई बनाई जाती है, जो कि हर स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध होती है। फिर चाहे वह मनुष्य के उपचार में प्रयुक्त की जाए अथवा किसी अन्य प्राणी के उपचार में प्रयोग की जाए। और पशु चिकित्सालय चुरहट में प्रयुक्त होने वाली औषधियां अधिकांश एलोपैथिक औषधियां है। जिनको उपयोग के बाद भूमिगत करने के बजाए इधर-उधर दीवार के किनारे चारों ओर फेंकने का कार्य किया गया है।
पशु चिकित्सालय के कर्मचारियों द्वारा अनुपयोगी औषधियां जलाने का भी प्रयत्न किया गया है जबकि एक चिकित्सक को यह अच्छी तरह से मालूम होता है कि रासायनिक दवाओं को जलाने पर वायुमंडल में एक अलग तरह की रासायनिक प्रक्रियाएं होने लगती है जिससे लोगों को हानि होती है। परंतु! फिर भी प्रशासन द्वारा इस विषय पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है, और ना ही पशु चिकित्सालय के अधिकारी व कर्मचारी इस बात को गंभीरता से लेने का प्रयत्न करते हैं।