भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने नए साल के अवसर पर कर्मचारियों को राहत दी है। पिछले 1 हफ्ते से शिवराज सरकार लगातार अधिकारी-कर्मचारियों के हित में फैसले ले रही है। अब प्रदेश के रिटायर होने वाले कर्मचारी अधिकारी को लाभ देते हुए वित्त विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। जहां रिटायरमेंट के साथ ही उन्हें पेंशन की सुविधा का लाभ दिया जाएगा। इस संबंध में विभाग ने सभी डिवीजन को कमिशनर्स-कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनोज गोविल ने कमिश्नर और कलेक्टर को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि रिटायर होने वाले सभी अधिकारियों को रिटायरमेंट के साथ ही पेंशन संबंधी भुगतान किया जाए। इस संबंध में प्रकरणों के मॉनिटरिंग (monitoring) की बात कही गई है। जिससे रिटायर के साथ कर्मचारियों के पेंशन मामले में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। वह टेंशन के प्रकरणों को पूरा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की जा रही है। मध्य प्रदेश में फरवरी 2021 में प्रदेश के 4000 से ज्यादा कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं। जिसके बाद शिवराज सरकार की कोशिश है कि रिटायरमेंट के साथ ही इन कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा दी जाए।
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश में पेंशन के कई मामले लंबित है। जिसको लेकर राज्य सरकार ने बैठक में पेंडिंग टेंशन मामलों के निराकरण करने की बात कही थी। इस मामले में सभी जिले के कमिश्नर और कलेक्टर को आदेश दिया गया था कि जल्द से जल्द पेंशन के लंबित मामलों का निराकरण किया जाए। जिसके बाद मध्य प्रदेश के इंदौर में सबसे ज्यादा 117 लंबित पेंशन मामले में 105 का निराकरण किया गया है। वही भोपाल, सागर और हरदा में भी कलेक्टर ने प्रकरणों के शीघ्र निराकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई है।
गौरतलब हो कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पिछले साल रिटायर हुए हजार से अधिक कर्मचारियों को पेंशन का लाभ नहीं मिल सका था। इसके बाद राज्य शासन ने ऐसे कर्मचारियों के भी पेंशन प्रकरण के निराकरण की बात कही है। वहीं प्रदेश में 2500 से अधिक ऐसे कर्मचारी हैं जो किसी न किसी मसले में ईओडब्लू (EOW) लोकायुक्त के चंगुल में फंसे है। ऐसे कर्मचारी के लंबित प्रकरणों का निपटारा भी किया जा रहा है। कोरोना में उपजे आर्थिक संकट के बाद अब ऐसे में नए साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (sivraj singh chauhan) के सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में यह निश्चय ही बड़ा फैसला है।