रीवा। मध्य प्रदेश शासन के द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाएं ग्राम पंचायतों में लागू की गई हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी अपराधिक प्रवृत्ति के प्रशासनिक कर्मचारी और अधिकारी हैं जो कि उन योजनाओं को आम जनता तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं कुछ ऐसा ही रीवा जिले के हनुमना जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत खटखरी का हाल है जहां पर पदस्थ सचिव रामाश्रय उपाध्याय के द्वारा ग्राम पंचायत में आने वाली योजनाओं का लाभ अपने निजी संबंधियों को दिया जा रहा है आपको बता दें कि ग्राम पंचायत सचिव के ऊपर राजनैतिक संरक्षण का भी आरोप लग रहा है बताया जा रहा है कि पूर्व में रामाश्रय उपाध्याय माजन मानिकराम ग्राम पंचायत में पदस्थ थे और जब वहां पर पदस्थ थे तो इनके द्वारा अपराधिक प्रवृत्ति जैसी कई घटनाओं को अंजाम दिया गया था जिस पर शाहपुर थाना में मामला भी पंजीबद्ध था वही तत्कालीन सचिव को जैसे ही पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचाया तो तत्काल सचिव पद से निलंबित कर दिया गया था निलंबन का केस चल रहा था इसी दौरान सचिव के द्वारा राजनैतिक संरक्षण प्राप्त करके फिर से प्रभाव को वापस ले लिया गया प्रभार वापस मिलते ही सचिव को हनुमना जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत खटखरी जो कि जनपद पंचायत की बड़ी पंचायत मानी जाती है वहां पर सीधे पदस्थ कर दिया गया अपराधिक प्रवृत्ति के सचिव को इतनी बड़ी पंचायत का प्रभाव देना साफ तौर पर रिश्वतखोरी का खेल समझ में आ रहा है वही बड़ा सवाल यह बनता है कि जब सचिव के द्वारा पूर्व में ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है तो क्या अब सचिव के द्वारा ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार को अंजाम नहीं दिया जाएगा अगर नही तो फिर पूर्व में सचिव को निलंबित क्यों किया गया अगर हां तो फिर सचिव को इतनी बड़ी ग्राम पंचायत का प्रभार क्यों दिया गया? क्या राजनैतिक संरक्षण ऐसे अपराधी प्रवृत्ति के कर्मचारियों का बचाव करने के लिए ही है और प्रशासनिक अधिकारी इस खेल में शामिल रहते हैं ऐसे ना जाने कितने सवाल सीईओ सहित जिला सीईओ पर खड़े हो रहे हैं हालांकि देखना यह होगा कि क्या ऐसे सचिवों पर जिला पंचायत सीईओ की गाज गिरती है या फिर वह भी राजनैतिक दबाव में बने रहेंगे।