सीधी
जैसा की सब को विदित है की पिछले कई वर्षो से सीधी जिले के ग्रामीण अंचल में हिंदुओं के धर्मांतरण का गंदा खेल ईसाई मिशनरियां और उनके लोग खेलते आ रहे हैं।
धर्मांतरण के इस खेल की मुख्य कर्ता धर्ता एक हिंदू महिला गीता दीक्षित है, जिसने पैसों के लालच में अपना धर्म बदलकर ईसाई तो बन गई पर अपना नाम और सरनेम अभी भी न बदलकर हिंदू समाज के बीच भ्रम फैलाकर, लोगों को पैसों का लालच देकर, जादू टोना, और असाध्य बीमारियों को ठीक करने का मायाजाल फैलाकर, हिंदू समाज के धर्मांतरण का गंदा खेल खेल रही है।
जिसके खिलाफ हमेशा समय समय पर कार्यवाही के लिए प्रशासन को केे कई संगठन ज्ञापन देते आ रहे हैं।
पर इस महिला के कृत्यों में आज तक कोई कमी नहीं आई है। इसके अभी तक हिंदू नाम व ब्राम्हण सरनेम लिखने के कारण हिंदू समाज के कई वरिष्ठ व राजनैतिक दलों के प्रभावशाली लोग भी इसका सहयोग अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने के लिए करते हैं।
पर अब धीरे धीरे हिंदू समाज को ये बात समझ में आ रही है, अब ग्रामीण लोग भी इसके धर्म विरोधी एजेंडे को समझ चूके हैं और इसका विरोध भी अब होने लगा है।
ऐसा ही एक मामला ग्राम कठास का जहां नरेंद्र यादव और जीवेन्द्र यादव को भी गीता दीक्षित एवम उसके सहयोगी राजेश जायसवाल ने ईसाई धर्म में आने का प्रलोभन दिया, और शिवशंकर गुप्ता के घर पर प्रार्थना सभा में बुलाया, जहां पर लल्लू प्रजापति पुत्र मटरू प्रजापति, उसकी पत्नी अर्चना प्रजापति, शिवशंकर गुप्ता पुत्र पृथ्वीराज गुप्ता, उसकी पत्नी रमा गुप्ता जो पहले से ही ईसाई धर्म अपना चुके थे प्रार्थना सभा में मौजूद थे।
प्रार्थना करने के बाद हिंदू धर्म के देवी देवताओं को भूत प्रेत कहकर घर से बाहर फेंकने, अभद्र भाषा का उपयोग करने, धार्मिक भावनाओं को आहत करने की बात जब गीता दीक्षित ने कही, तभी नरेंद्र यादव ने इसका विरोध किया तो नरेंद्र यादव को उस कमरे से गाली देकर बाहर कर दिया और बोला की फिर क्यों आए थे।
उक्त बातें जब नरेंद्र यादव जीवेंद्र यादव ने गांववासियों को फोन करके बताई तो वहां पर कई लोग इकट्ठा हो गए और गीता दीक्षित को गांव से वापस जाने को और इस गांव में ये धर्मांतरण का खेल नहीं चलेगा ऐसा कह कर भगा दिया गया।
जिससे वो गली गलौज करती हुई वहा से चली गई जिसकी वीडियो भी कई गांव वालो ने बनाई है।
जिसकी शिकायत जमोड़ी थाने में गांव वालों ने 13 जुलाई को लिखित आवेदन में किया।
फिर दिनांक 17 जुलाई शनिवार को गीता दीक्षित पुनः अपने अन्य सहयोगियों के साथ गांव कठास पहुंची जिस पर पुनः गांव वालों ने विरोध कर उसकी सूचना पुलिस को दी, जमोड़ी थाने से पुलिस ने पहुंचकर गीता दीक्षित और उनके सहयोगियों को गांव में वापस न आने और अन्य किसी भी गांव में जाकर धर्मांतरण न कराने की समझाइश देकर छोड़ दिया।
गीता दीक्षित और उसके सहयोगियों के खिलाफ F.I.R. दर्ज हो और उन सभी की तुरंत गिरफ्तारी हो, वो सभी जेल के सलाखों के पीछे पहुंचे इसी विषय को लेकर ग्राम कठास के सैकड़ों ग्रामवासी हिंदू एकता समन्वय समिति के अगुवाई में पुलिस अधीक्षक महोदय से मुलाकात कर गीता दीक्षित की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।
उक्त कार्यक्रम में कई संगठनों के प्रतिनिधि जैसे विश्व हिंदू परिषद, भगवती मानव कल्याण संगठन, बजरंग सेवा समिति, आर्यावर्त ब्राम्हण महासभा, अखिल भारतीय ब्राम्हण समाज, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम, एवम हिंदू जागरण मंच से सुमित जायसवाल, पुनीतमणि त्रिपाठी, सुनील भूर्तिया, राजन सोनी, राघवेंद्र सिंह, नीलेश शुक्ला, राघवेंद्र सिंह, मोनू सिंह, रवि गुप्ता, कपिल गुप्ता, मनीष गुप्ता, संतोष गुप्ता, आनंद गुप्ता, प्रकाश वर्मा, बलदेव वर्मा, अमर कचेर, अमित पटेल, ज्ञानेंद्र केशरी, पवन कचेर, डॉक्टर श्रीमती वर्षा गौतम, श्रीमती उमा सिंह, श्रीमती पूनम सिंह, श्रीमती सावित्री पटेल, दीपांजलि वर्मा, भास्कर सिंह चौहान, अजीत सिंह चौहान, पुजेरीलाल मिश्रा, लाला गुप्ता, बीरेंद्र पांडे बीरू मुख्य रूप से उपस्थित रहे।