इंदौर खंडपीठ के एक निर्णय पारित किया है जिसके तारतम्य में प्रशांत कुमार अतिरिक्त सचिव विधि एवं विधायी कार्य विभाग मध्य प्रदेश शाशन पत्र जारी कर जिला मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया गया है जिसमे नोटरी अधिवक्ताओं द्वारा किये जाने वाले विवाह विलेख और विवाह विच्छेद विलेख के निष्पादन पर रोक लगा दी है .
गौर तलब है की नोटरी अधिवक्ता द्वारा बिना किसी जाँच पड़ताल के विवाह सम्बन्ध कराये जाते हैं जिसमे ऐसे कई मामले हैं जो लव जिहाद की श्रेणी में आते हैं और इस प्रकार के कुरीतियों म शामिल जिहादी मानसिकता के लोग इस बात का गलत फायदा उठाते हैं .इस को रोकने हेतु प्रदेश सरकार ने कानून भी बना दिया है ,विधि और विधायी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी इस आदेश को इसी परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है .और इसे प्रदेश के प्रत्येक जिले में लागु किये जाने की योजना है.