नेशनल फ्रंटियर, उमरिया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बाघों की धरा में कबीर के अनुयायीयों का जन सैलाब उमड़ेगा। बाँधवगढ़ में स्थित सदगुरु कबीर धर्मदास साहेब के “कबीर गुफा” दर्शन यात्रा के लिए यहां हर वर्ष इनके अनुयायी देश भर से बाँधवगढ़ में आते हैं, जहां मेले का आयोजन होता है।
18 दिसम्बर को होने वाले इस पारम्परिक आयोजन को लेकर प्रशासन ने भी तैयारियां पूर्ण कर ली है। कबीर गुफा दर्शन के लिए प्रातः 8:00 बजे से 11:00 बजे तक ताला गेट से प्रवेश दिया जाएगा। वहीं श्रद्धालुओं को शाम 4:00 बजे तक ताला गेट में वापस (चेक आउट) पहुंचना अनिवार्य होगा। मेला एवं गुफा दर्शन यात्रा हेतु टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा वृहद रूप से व्यवस्था की गई है, जिसमें पार्क प्रबंधन के 133 अधिकारी/कर्मचारियों सहित हाथी दल भी चौकस निगरानी के लिए तैनात रहेंगे। जबकि इसके अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस एवं राजस्व विभाग के अमला भी मैदानी व्यवस्था में जुटेंगे। श्रद्धालुओं को ताला गेट से पैदल ही कबीर गुफा दर्शन हेतु जाना होगा, सदगुरु कबीर धर्मदास साहेब के संतो को कबीर गुफा तक जाने एवं आने हेतु स:शुल्क 5 जिप्सी वाहन ले जाने की अनुमति होगी। मसलन कोविड के मद्देनजर इस बार अनुयायियों को कोविड-19 महामारी सुरक्षा गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा, जिसके अनुरूप मास्क लगाना, एक दूसरे से निर्धारित दूरी रखना होगा। वहीं खास बात यह है कि प्रवेश के लिए कोविड वैक्सिनेशन के द्वितीय डोज का प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा, जिनके द्वारा दोनों डोज का टीका लगवाया गया होगा, उन्ही अनुयायियों को ही गुफा दर्शन हेतु प्रवेश दिया जावेगा। दरअसल कबीर गुफा बांधवगढ के मुख्य गेट ताला के अंदर स्थित है, जहां वन्यजीवों की चहल।कदमी रहती है, ऐसे में पार्क में हिंसक वन्य प्राणियों की उपस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए अनुयायियों को अपनी सुरक्षा के संबंध में वचन पत्र प्रस्तुत करना होगा, किसी भी प्रकार की दुर्घटना हेतु पार्क प्रबंधन जिम्मेदार नहीं होगा। साथ ही यात्रा के दौरान ज्वलनशील पदार्थ, गुटखा, पॉलीथिन, प्लास्टिक बोतल आदि साथ ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। अनुयायी प्लास्टिक के अतिरिक्त अन्य पात्रों में पानी/भोजन ले जा सकेंगे। प्रबंधन ने कहा है, कि यात्रा के दुर्गम मार्ग को दृष्टिगत रखते हुए 10 वर्ष से छोटे एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र के तथा माताएं जो गोद में नवजात बच्चों के साथ होंगी, ऐसे लोगों को कबीर गुफा यात्रा हेतु प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसे लेकर अनुयायियों से पार्क प्रबंधन द्वारा सहयोग की अपील भी की गई है।