सीधी शहर के जमोड़ी थाना अंतर्गत बिजली विभाग कॉलोनी के पास निवासी 15 वर्षीय किशोर की अज्ञात लोगों द्वारा कोरोना वैक्सीन लगाने के नाम पर अपहरण की साजिश करने की बात कही थी, जिसे बाद में जमोडी पुलिस ने झूठा बताया। छात्र ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी है।
अपहरण के बारे में जानकारी देते हुए छात्र ने बताया कि रविवार की सुबह वह घर से कोचिंग के लिए निकला था ,वही कोचिंग के रास्ते में दो अनजान व्यक्तियों द्वारा जिन्होंने वैक्सीन का डिब्बा ले रखा था के द्वारा बच्चे को रुकवा कर कहा गया कि हम लोग कोरोना वैक्सीन लगाने वाले कर्मचारी हैं. बच्चे ने उत्सुकता वश पूछा कि क्या यह वैक्सीन मुझे भी लगेगी ?
अपहरणकर्ताओं का जवाब हांं में मिला, उनके द्वारा बच्चे को पास में खड़े ट्रक में धक्का देकर बैठा लिया गया और दूर ले जाने के पश्चात बच्चे की साइकिल और बैग को सड़क के किनारे फेंक दिया गया ,काफी लंबा सफर तय करने के दौरान बच्चे के साथ मारपीट भी की गई और उसे डराया धमकाया गया .
जिसके कारण बच्चा डरा रहा और आवाज नहीं कर पाया , किंतु काफी दूर जाने के बाद बच्चे ने कुछ हिम्मत दिखाई और जब सड़क में किसी कारण से जाम लगा होने के कारण मौका पाकर बच्चा ट्रक से उतर गया और किसी प्रकार से अपनी जान बचाकर किसी अनजान व्यक्ति से मोबाइल मांग कर अपने घर फोन लगाया. इस दौरान उसकी सहायता करने वाले व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी जिस पर पुलिस थाना मोरवा के सिपाही उसे थाना ले जाकर के रखे और परिवारजनों को सूचना दी.
आर्यन के बताए अनुसार उस ट्रक में एक और बच्ची भी थी जिसका नाम खुशी था उसका पता अभी तक नहीं चल पाया है सीधी से मोरवा तक के सफर के दौरान बच्चे के साथ काफी मारपीट की गई डराया धमकाया गया इस संबंध में पुलिस विवेचना जारी है बच्चे को परिजनों को सौंप दिया गया था.
विवेचना में पुलिस को पता चला कि परिजनों की डांट से नाराज होकर उसने अपहरण की झूठी खबर फैलाई थी। बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ।अब वह इस मामले में पुलिस से माफी मांगी है। फिलहाल पुलिस अभी मामले की विवेचना कर रही है।
इनपुट एजेंसी से प्राप्त खबर.