सीधी जिले में भी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिया गया है ।आखिर क्यों ??????
आखिर प्रशासन की मजबूरी क्या है इस तरफ किसी का ध्यान नही जा रहा ।।
कही का भी प्रसाशन हो कोविद से लड़ने में अपनी समस्त शक्तियों को इस्तेमाल करने के बाद भी हालात में काबू नही पा सका है ।
हां जहाँ rto ने टैक्स कलेक्सन कम किया था वहाँ ,या जहाँ और कोई समारोह केंद्रीय अधिकारी या मंत्री का था वहाँ भूसे जैसे गाड़ी भर कर पब्लिक लाने का आह्वान रहा हो वहाँ छोड़कर सब जगह कोरोना ने तबाही ही मचाई है ।बंगाल उदाहरण है।
अब देखिए न बंगाल में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे नेताओं को कोरोना का भय नही न पब्लिक को न नेता या स्टार प्रचारक को ???
मध्यप्रदेश में भी जहां जहां cm का कार्यक्रम है वहाँ प्रोटोकाल तो है वो भी जनता के लिए बकियो को कोई मतलब नही !!!!
कमोबेश हालात यह हैं कि पुलिस निरंकुशता के साथ मास्क हेतु प्रयासरत है ना पहनने वालो को लात घुसे दिए जाते हैं जबकि चालानी कार्यवाही का आदेश है 1हली बार मे 500 दूसरी बार पकड़े जाने पर 1000 रुपये ,उसमे भी मुह पर कपड़ा होना चाहिये जरूरी नही मास्क ही हो फिर भी कई थानेदार इसे ड्यूटी मान कर वसूली में लग गए वो भी ऐसी जगह पर जहाँ दो जिलों की सीमा मिलती हैं। परेशान कौन???? जनता!!
जनता तो है बे,,,,,,,,,फ़ लड़ नही सकती कह नही सकती कि pm ने बताया है मास्क नही तो कम से कम तौलिया से मुह ,नाक, ढक लो ,लेकिन पढ़े लिखे थानेदार, दरोगा जी, जो लोक डाउन के दौरान काफी प्रचलित हुए उन्हें ही नही मालूम,
उन्हें तो मास्क न लगाने पर कार्यवाही का आदेश है तो जनता को परेशान कर रहे ,रोब जो झड़ना है !!! सीधी जिले में भी 50-60 की संख्या एक्टिव केश की बताई जा रही है जबकि ऐसा है नही ।
वरिष्ठ चिकित्सकों ने नाम न छापने की शर्त पे बताया कि सिर्फ भय का वातावरण निर्मित कर ने की योजना है इसके पीछे क्या चल रहा है यह कहा नही जा सकता निश्चय ही यह बीमारी भयावह है, किंतु सीधी जिले में 20 दिन पूर्व की रिपोर्ट देख लें और उसके बाद कि ,,
चाहें तो rti लगा कर पता कर सकते हैं ।आखिर क्या कारण है मामले अचानक बढ़ गए जब न्यूज़ में आने लगा ?
बीमारी भयावह है निसंदेह उस से बचने के सारे उपाय भी करने ही चाहिए, किन्तु न्यूज़ आने के बाद से एकाएक मामले बढ़ाना अपने आप मे प्रशासन की उदासीनता दिखाता है ।
अर्थात झोल तो है कही न कही ????
झोल कहा है हम पड़ताल कर सामने लाएंगे ????!!!!₹