आनंद अकेला की रिपोर्ट
भोपाल। प्रदेश में टमाटर और उससे जुड़े उत्पादों के निर्माण के लिए सरकार द्वारा विशेष अनुदान दिया जाएगा। इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी बेहतर होने के साथ रोजगार का भी सृजन हो सकेगा। अनुदान के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
मध्य प्रदेश के कई इलाकों में किसानों द्वारा टमाटरों का बहुतायत में उत्पादन किया जाता है। इस फसल के उत्पादन में प्रदेश का सतना जिला लगभग अव्वल रहता है। इस इलाके की जमीन टमाटर उत्पादन के लिए बेहद अनुकूल मानी जाती है। यही वजह है कि इस जिले में हर साल लगभग 85 हजार मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होता है। इस वजह से फसल आने पर किसानों को उन्हें औने-पौने दामों में बेचना पड़ता है। यही नहीं कई बार तो हालत यह बन जाते हैं कि उनकी टमाटर की फसल का कोई खरीददार भी नहीं मिलता है, अगर मिलता भी है तो वह औन-पौने दामों पर खरीदता है। इसकी वजह से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। टमाटर उत्पादक किसानों की इस परेशानी को देखते हुए ही अब सरकार ने सर्वाधिक टमाटर उत्पादन करने वाले सतना जिले में सात प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन प्लांटों में टमाटर पाउडर, सॉस , कैचअप आदि का उत्पादन किया जाएगा। इससे किसानों को फसल के अच्छे दाम मिलने का रास्ता खुल जाएगा। इसकी वजह से किसानों को फसल बेचने के लिए इधर-उधर परेशान भी नहीं होना पड़ेगा। इस वजह से जिले में टमाटरों की मांग बढ़ जाएगी। उधर केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा इन प्रोसेसिंग प्लांटों की स्थापना के लिए भेजे गए प्रस्तावों को मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।
अनुदान के लिए आवेदन शुरू
योजना की खास बात यह है कि किसानों द्वारा तय इलाकों में टमाटर से कई तरह के उत्पाद बनाने वाले प्रोसेसिंग प्लांट लगाने पर सरकार द्वारा लागत का 35 फीसदी तक का अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाएगा। प्लांट की लागत का दस फीसदी राशि किसान को अपने पास से बतौर मार्जिन मनी लगानी होगी। शेष लागत राशि के लिए बैंक से कर्ज लिया जा सकेगा। इसके लिए सरकार द्वारा किसानों से आवेदन मंगाए जा रहे हैं।