राजेश शर्मा की रिपोर्ट
भोपाल। मध्य प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गए स्पष्ट संकेत की माने तो नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव मार्च के महीने में नहीं होंगे। बुधवार को चुनाव आयुक्त बीपी सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि बोर्ड परीक्षाओं और त्योहारों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तारीख तय की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग से जुड़े विशेष सूत्रों का कहना है कि चुनाव में सभी मतदान केंद्र स्कूलों में होते हैं। परीक्षाओं के बीच में वोटिंग नहीं कराई जा सकती।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की थी। प्रतिक्रिया देते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने कहा था कि ईवीएम से चुनाव हो इसके लिए हम नोटिफिकेशन करा चुके हैं। पहले भी इस तरीके की मांग रखी गई थी, लेकिन हम ईवीएम से चुनाव कराने को लेकर सारी व्यवस्था कर चुके हैं और उसको लेकर पहले ही नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है। ऐसे में चुनाव ईवीएम से ही होंगे। किसी दूसरे विकल्पों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।
मप्र में बोर्ड परीक्षाओं से पहले नहीं बल्कि बाद में चुनाव कराए जाएंगे
मार्च में चुनाव की तारीख का ऐलान होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन अब मार्च या अप्रैल में नहीं बल्कि बोर्ड परीक्षाओं के बाद चुनाव होंगे। चुनाव आयुक्त ने कहा कि परीक्षाओं में व्यवधान न हो इसका ध्यान रखा जायेगा। अभी चुनाव की तारीख तय नहीं है, तो कैसे मानें परीक्षाओं के समय चुनाव होंगे। परीक्षा, त्यौहार सब ध्यान में रखकर चुनाव की तारीख तय होती है। चुनाव वेट कर सकते हैं परीक्षाएं नहीं। अधिकांश पोलिंग बूथ विद्यालयों में हैं और परीक्षाएं रोक कर तो वोटिंग नहीं हो सकती।