नेशनल फ्रंटियर, उमरिया। जिले में यदि कर्मचारियों की कमी के चलते किसी औधे का प्रभार कर्मचारी को दे दिया जाए, तो वे उसे नियम विरुद्ध ही चलाते रहते हैं, ऐसे में प्रभार दिलाने वाले जिम्मेदार भी दोबारा उस ओर तक नहीं झांकते। ऐसा ही मामला बीआरसी मानपुर का है, जहां नियमतः बीआरसी पद की बागडोर तो कन्या प्राचार्य को संभालना चाहिये, लेकिन इसकी कमान तक़रीबन 40 किलोमीटर दूर पदस्थ शिक्षक धनेंद्र तिवारी को सौंपा गया है। सूत्रों के मुताबिक नियम विरुद्ध प्रभार लिए बैठे धनेंद्र तिवारी के ऊपर अनियमितताओं के कई आरोप हैं।
नहीं छूट रहा पद का मोह..! :
चँसुरा वरिष्ठ अध्यापक धनेंद्र तिवारी जब मानपुर में पदस्थापित थे, तो उन्हें कन्या प्रचार्य के साथ ही जनपद शिक्षा केन्द्र मानपुर के लिए विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक (बीआरसीसी) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था, जहां चँसुरा विद्यालय में स्थानांतरण होने के बाद कन्या प्राचार्य का प्रभार छोड़ दिया गया, लेकिन वरिष्ठ अध्यापक धनेंद्र तिवारी द्वारा बीआरसीसी का प्रभार कन्या प्रचार्य को नहीं सौंपा गया, जो कि नियम के विपरीत ही ये 40 किमी दूर चँसुरा विद्यालय में पदस्थापना के साथ-साथ चला रहे हैं।
नियम के विपरीत संभाल रहे दायित्व :
शासन के आदेश है कि बीईओ और बीआरसी पद पर प्राचार्य या वरिष्ठ व्याख्याता को ही पदस्थ किया जाना है। लेकिन मानपुर के बीआरसी पद का प्रभार कन्या प्रचार्य की जगह एक ऐसे वरिष्ठ अध्यापक को सौंप दिया गया है, जो कि मानपुर मुख्यालय में न होकर क्षेत्र से तक़रीबन 40 किलोमीटर दूर पदस्थ हैं। जबकि बीआरसीसी पद का प्रभार शासकीय कन्या विद्यालय मानपुर के प्राचार्य को मिलना चाहिए, लेकिन इस पद को नियम के विपरीत चँसुरा विद्यालय में पदस्थ धनेंद्र तिवारी चला रहे हैं।