सीधी
बसंत पंचमी का पावन पर्व जिले भर में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। इस पर्व पर जिले के प्रमुख धार्मिक स्थल बढ़ौरा शिव मंदिर एवं मौहार के नीलकंठ स्वामी मंदिर में विशाल मेले का आयोजन किया गया। शहर के पूजा पार्क एवं पडरा शिव मंदिर में भी मेले का आयोजन किया गया।
बसंत पंचमी के पावन अवसर पर मां सरस्वती एवं भगवान शिव के पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना गया है। इस अवसर पर जिले के बढ़ौरा शिव मंदिर तथा बहरी के पास मौहार स्थिति स्वामी नीलकंठ मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर भगवान शिव का रूद्राभिषेक करते हैं।
शनिवार को प्रात: काल से ही दोनों ही मंदिरों में जल चढ़ाने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दोनों ही प्रमुख धार्मिक स्थलों में विशाल मेले का भी आयोजन किया गया। जहां श्रद्धालुओं को लाने ले जाने के लिए विशेष वाहन भी चलाए गए। भगवान शिव के दर्शन करने शिव मंदिरों में दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। पुराणों के अनुसार बसंत पंचमी पर शिव अराधना का भी विशेष महत्व बताया गया है। देवालयों में भगवान शिवलिंग का रूद्राभिषेक व जल चढ़ाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। जिले के बढ़ौरा शिव मंदिर और मौहार स्वामी नीलकंठ मंदिर में वसंत पंचमी के अवसर पर विशेष शिव अराधना की जाती है।
जहां सीधी सहित अन्य जिले के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पहुंचकर भगवान शिव का रूद्राभिषेक करते हैं। शनिवार को दोनों की प्रमुख मंदिरों में दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। बसंत पंचमी के अवसर पर स्थानीय शहर के पूजा पार्क स्थित मंदिरों में भी श्रद्धालु विगत वर्षों की भांति पूजा अर्चना के लिए पहुंचे। ज्यादातर शहरवासियों ने इस मेले में पहुंचकर आनंद उठाया। इसके साथ ही शहर के नजदीकी ग्राम पडरा स्थिति शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
जब फूलों पर बहार आ जाती है। खेतों मे सरसों का सोना चमकने लगता है जौ और गेहूं की बालियां खिलने लगती हैं। आमों के पेड़ों पर बौर आ जाती है और हर तरफ तितिलियां मडऱाने लगती है तब वसंत पंचमी का त्यौहार आता है। इसे ऋतु पंचमी भी कहते हैं। साथ ही ऋतुओं का राजा भी वसंत ऋतु को माना गया है। बसंत पंचमी के अवसर पर मझौली विकासखंड अंतर्गत शिव मंदिर कमचड़ में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी हजारों की तादात में लोग भगवान शिव का जलाभिषेक करने पहुंचे।
शिव मंदिर कमचड़ में आस-पास के गांव परासी, टिकरी, कंजवार, शेर, महखोर, भुमका, शिकरा सहित एक दर्जन से अधिक गांवों से लोग पहुंचे जो मंदिर में पूजा अर्चना के साथ ही मंदिर परिसर में लगे मेले का लुत्फ उठाया। यहां सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर मड़वास पुलिस और टिकरी पुलिस मुस्तैद रही।